उत्तर प्रदेश | यूपी का आर्थिक और औद्योगिक विकास दुनिया में परचम लहराएगा।

  • दावोस में अगले महीने विश्व आर्थिक मंच की बैठक
  • वित्त मंत्री खन्ना व औद्योगिक मंत्री नन्दी की अगुवाई में शिरकत करेगा यूपी का प्रतिनिधिमंडल
  • यूपी में हुए आर्थिक और औद्योगिक विकास के मॉडल को वैश्विक मंच पर किया जाएगा प्रस्तुत

लखनऊ: योगी आदित्यनाथ सरकार आने के बाद उत्तर प्रदेश में आर्थिक और औद्योगिक विकास की तेज हुई रफ्तार की गूंज अब वैश्विक मंच पर सुनाई देगी। जनवरी 2024 में दावोस (Davos) में आयोजित होने वाले एक प्रमुख वार्षिक शिखर सम्मेलन के रूप में मान्यता प्राप्त विश्व आर्थिक मंच (World Economic Forum) में हिस्सा लेने के लिए उत्तर प्रदेश को भी न्यौता मिला है।

दावोस (स्विट्जरलैंड) में 15 से 19 जनवरी 2024 तक होने वाली विश्व आर्थिक मंच की बैठक में हिस्सा लेने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक प्रतिनिधिमंडल को नामित किया है। इस प्रतिनिधिमंडल में औद्योगिक विकास एवं निर्यात प्रोत्साहन मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी, वित्त मंत्री सुरेश खन्ना के अलावा अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त (आईआईडीसी) मनोज कुमार सिंह तथा सचिव मुख्यमंत्री अमित सिंह शामिल हैं।

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विश्व आर्थिक मंच दुनिया भर में होने वाले सबसे प्रतिष्ठित आयोजनों में से एक है। यह न केवल उत्तर प्रदेश की ताकत, विशेषताओं और उपलब्धियों को एक वैश्विक मंच पर प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान करेगा बल्कि वैश्विक स्तर पर प्रभावी निर्णय निर्माताओं के साथ बातचीत करने और प्रदेश की प्रतिष्ठा बढ़ाने का अवसर भी प्रदान करेगा। दावोस सम्मेलन में शामिल होने जा रहे प्रदेश सरकार के मंत्री और अधिकारी इस वैश्विक मंच पर बीते लगभग साढ़े छह साल में हुए बदलाव, खास तौर पर आर्थिक और औद्योगिक विकास की तेज हुई रफ्तार तथा यूपी में निवेश के लिए बने नए सकारात्मक माहौल को रेखांकित करेंगे ताकि दुनिया भर के निवेशकों में भरोसा पैदा करके उन्हें उत्तर प्रदेश की ओर आकर्षित किया जा सके। इसके अलावा उत्तर प्रदेश में आम लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए राज्य सरकार की ओर से की गई महत्वपूर्ण पहल तथा औद्यौगीकीकरण की रफ्तार तेज करने के लिए लागू की गई इन्वेस्टर फ्रैंडली नीतियों का भी उल्लेख किया जाएगा।

विश्व आर्थिक मंच सार्वजनिक निजी सहयोग के लिए अंतर्राष्टीय संगठन है। मंच वैश्विक,क्षेत्रीय और औद्योगिक एजेंडे को आकार देने के लिए समाज के अग्रणी राजनीतिक, व्यावसायिक, सांस्कृतिक एवं अन्य नेताओं को शामिल करता है। मंच दुनिया भर के विभिन्न क्षेत्रों से दूरदर्शी विचारों के एकीकरण को प्रेरित करता है।

यह मंच विशिष्ट व्यक्तियों के साथ बातचीत करने, उच्च स्तरीय चर्चाओं में भाग लेने और वैश्विक अर्थव्यवस्था को आकार देने वाले महत्वपूर्ण मामलों पर ज्ञान के आदान-प्रदान का अवसर प्रदान करता है, साथ ही नवाचार और टिकाऊ प्रथाओं को बढ़ावा देता है। विश्व आर्थिक मंच दुनिया के राजनीतिक, व्यापारिक, सांस्कृतिक आदि डिसीजन मेकर्स को एकजुट करता है जो ऐसे प्रोजेक्ट्स पर मिलकर काम करते हैं जिससे समाज में सकारात्मक बदलाव लाया जा सके।

पिछले चार-पांच वर्ष से विश्व आर्थिक मंच का ध्यान जलवायु परिर्वतन (क्लाइमेट चेंज) पर ही केंद्रित है। यह मंच दुनिया के लीडर्स को संयुक्त रूप से ऊर्जा, जलवायु और प्रकृति, निवेश, व्यापार और इन्फ्रास्ट्रक्चर, सीमांत प्रौद्योगिकियों और उद्योग, रोजगार, कौशल विकास, स्वास्थ्य एवं परस्पर राजनीतिक सहयोग आदि क्षेत्रों में काम करने के लिए प्रोत्साहित करता है।

विश्व आर्थिक मंच के सम्मेलन में उत्तर प्रदेश सरकार का प्रतिनिधिमंडल राज्य को एक ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए उठाए जा रहे कदमों की भी जानकारी देगा। हाल ही में मुख्यमंत्री योगी  आदित्यनाथ ने कहा भी- “अब उत्तर प्रदेश का समय है।” उनकी सरकार ने एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पांच साल की समय सीमा निर्धारित की।  मुख्यमंत्री ने कहा कि 2027 तक उत्तर प्रदेश एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा। इसके लिए मुख्य क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। इसमें खास तौर पर विनिर्माण, आईटी और आईटीईएस (सूचना प्रौद्योगिकी सक्षम सेवाएं), धार्मिक पर्यटन और कृषि आदि क्षेत्र हैं।

इसके अलावा, ऊर्जा, स्वास्थ्य, शहरी विकास, शिक्षा, खाद्य प्रसंस्करण और एमएसएमई जैसे क्षेत्रों पर भी विशेष ध्यान देने पर जोर है। वन ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य हासिल करने के लिए राज्य के प्रमुख महानगरों को विभिन्न क्षेत्रों के हब के रूप में विकसित करने की योजना बनाई गई है। लखनऊ को देश का पहला एआई सिटी बनाने की तैयारी चल रही है। मुख्यमंत्री की मंशा के अनुसार अलग-अलग सेक्टर चिह्नित करके विस्तृत कार्ययोजना तैयार की गई है और उसे तय समय सीमा में पूरा कराने पर जोर दिया जा रहा है।

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