तहसील कर्मचारी ने संपत्ति डीलर को गोली मरवाई थी : झांसी न्यूज़: 2.5 करोड़ रुपये के प्लाट की रजिस्ट्री कैंसिल करनी थी, 1 लाख रुपये में हत्या की सुपारी दी गई, फोटो और घर भी दिखाए गए

झांसी में पुलिस ने प्रॉपर्टी डीलर को गोली मारने के मामले में तहसील कर्मचारी अरविंद कुशवाहा, उसके भांजे और दो शूटरों को अरेस्ट किया है।

झांसी में 8 दिन पहले दो बदमाशों ने प्रोपर्टी डीलर श्यामजी यादव (36) को गोली मार दी थी। गोली उनकी जान लेने की मकसद से चलाई गई थी, लेकिन वे बच गए थे। अब इस गोलीकांड में बड़ा खुलासा हुआ है। ये गोली तहसील कर्मचारी अरविंद कुशवाहा ने चलवाई थी। इसके लिए मध्य

.

श्यामजी यादव की हत्या के बदले उनको एक लाख रुपए की सुपारी दी गई थी। दरअसल, तहसील कर्मचारी को श्यामजी यादव के 80 लाख रुपए देने थे। इसके बदले में उसने 2.5 करोड़ का प्लाट श्यामजी यादव के नाम करा दिया था।

अब वो श्यामजी यादव का मर्डर कराकर प्लाट की रजिस्ट्री कैंसिल कराना चाहता था। इसलिए उसने अपने भांजे के साथ मिलकर पूरी साजिश बनाई। लेकिन वे अपने मंसूबों पर कामयाब नहीं हो पाए। पुलिस ने तहसील कर्मचारी, उसके भांजे और दो शूटरों को अरेस्ट कर लिया है।

अब पढ़िए गोलीकांड की सिलसिलेवार पूरी कहानी

ये तस्वीर तहसील कर्मचारी अरविंद कुशवाहा की है। जिसे पुलिस ने अरेस्ट कर लिया।

ऐसा ब्याज लगाया 22 लाख के 80 लाख हुए

एसपी सिटी ज्ञानेंद्र कुमार ने बताया कि प्रोपर्टी डीलर श्यामजी यादव गुरसराय के रहने वाले हैं। वह पिछले 7 सालों से मिशन कम्पाउंड में किराए से रह रहे हैं। प्रोपर्टी के काम से वह तहसील में अक्सर जाते थे। वहां पर उनकी मुलाकात चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी अरविंद कुशवाहा से हो गई। जो कोतवाली के पठौरिया का रहने वाला है।

दोनों मिलकर प्रोपर्टी डीलिंग का काम करने लगे। कुछ समय पहले पैसों की जरूरत होने पर अरविंद ने श्यामजी से लगभग 22 लाख रुपए लिए थे। अब ब्याज जोड़कर श्यामजी 80 लाख मांग रहा था। पैसा का लगातार दबाव बनाया जा रहा था। जबकि अरविंद के पास इतने रुपए नहीं थे।

उसके भांजे शिवपुरी के करैरा निवासी सुनील की फिल्टर रोड पर जल संस्थान के पास 26 हजार स्क्वायर फीट जमीन थी। पैसे के बदले अरविंद ने ये जमीन श्यामजी को बेच दी। 4 लोगों के नाम रजिस्ट्री हुई।

2.5 करोड़ की जमीन कौड़ी के भाव बिकी तो आया लालच

पुलिस ने आरोपियों से तमंचा, खोखा कारतूस समेत अन्य सामान बरामद किया है।

जो बेशकीमती जमीन श्यामजी को बेची गई, उसकी कीमत लगभग ढाई करोड़ रुपए है। जमीन कौड़ी के भाव बिकी तो अरविंद के मन में लालच आ गया। जमीन की रजिस्ट्री हो चुकी थी, लेकिन रजिस्ट्री में एक चेक लगा था। चेक रिलीज होने के बाद दाखिल खारिज होना था। अरविंद और उसके भांजे सुनील ने प्लान बनाया कि वो श्यामजी की हत्या कर देंगे। जिससे चेक रिलीज नहीं हो पाएगी और रजिस्ट्री कैंसिल हो जाएगी।

एक लाख में मर्डर की सुपारी, 50 हजार एडवांस दिए

पुलिस के अनुसार, सुनील का साला करैरा निवासी बलदेव कुशवाहा उर्फ विक्की शिवपुरी का नामी आरोपी है। उस पर 8 मुकदमे दर्ज हैं। वह जेल में बंद था, करीब 5 माह पहले जेल से जमानत पर बाहर आया। तब सुनील अपने मामा अरविंद को लेकर उसके पास गया।

दोनों ने एक लाख रुपए में श्यामजी यादव के मर्डर की सुपारी बलदेव को दे दी। 50 हजार रुपए एडवांस दे दिए। फिर बलदेव को झांसी लाए। श्यामजी यादव की फोटो दिखाकर पहचान कराई। फिर घर और उसकी गाड़ी भी दिखा दी। बलदेव ने करैरा निवासी सचिन रावत को भी शामिल कर लिया। सचिन पर पहले से 4 केस दर्ज हैं।

घर के बाहर ही खड़े मिले प्रोपर्टी डीलर

21 जुलाई की रात को बदमाशों ने प्रोपर्टी डीलर श्यामजी यादव को गोली मारी थी।

पुलिस के अनुसार, 21 जुलाई की रात को बलदेव और सचिन रावत बिना नंबर की बाइक से श्यामजी यादव के घर पर पहुंचे। प्लानिंग थी कि घर का दरवाजा खटखटाकर श्यामजी को बुलाएंगे। बाहर आते ही श्यामजी को गोली मार देंगे। लेकिन जब दोनों श्यामजी के घर पहुंचे तो वह घर के बाहर ही खड़े थे। उन्होंने घर के दो चक्कर लगाए। जब तय हो गया कि बाहर खड़ा व्यक्ति श्यामजी है तो पास में बाइक रोककर पीछे बैठे बलराम ने गोली चला दी। इसके बाद दोनों भाग गए थे। गोली पेट में लगी और श्यामजी घायल हो गए थे।

अब पढ़िए, आरोपियों के पकड़े जाने की कहानी

पुलिस मुठभेड़ में दोनों शूटर पकड़े गए। बाद में अरविंद और उसके भांजे को अरेस्ट कर लिया।

सीसीटीवी कैमरे से दोनों शूटरों की पहचान हुई

एसपी सिटी ज्ञानेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि श्यामजी यादव के भाई चंद्रपाल की तहरीर पर सीपरी बाजार थाना पुलिस ने केस दर्ज कर लिया था। केस वर्कआउट करने के लिए 5 टीमें लगाई थी। सर्विलांश और सीसीटीवी कैमरे की मदद से पुलिस ने दोनों शूटरों की पहचान कर ली थी। अब उनकी तलाश की जा रही थी। रविवार सुबह सूचना मिली कि दोनों ग्वालियर रोड से गुजरने वाले हैं।

इस पर सीपरी बाजार थाना प्रभारी अखिलेश द्विवेदी और स्वाट टीम प्रभारी जितेंद्र सिंह तक्खर की टीम रक्सा तिराहा पर चेकिंग कर रही थी। कुछ देर बाद बिना नंबर की बाइक पर दो युवक आते दिखाई दिए। जब उनको रोकने का प्रयास किया तो वे रुके नहीं और बाइक लेकर कब्रिस्तान की ओर भाग निकले।

पुलिस ने घेराबंदी की तो खुद को घिरता देख वे पुलिस टीम पर फायरिंग करने लगे। काउंटर अटैक में बलदेव के पैर में गोली लगी। जबकि उसके साथी सचिन रावत को घेरकर पकड़ लिया। दोनों ने कबूल किया कि सुपारी लेकर गोली चलाई थी। इसके बाद पुलिस ने अरविंद और सुनील को भी अरेस्ट कर लिया। उनसे एक तमंचा, दो खोखा, 1870 रुपए और घटना में इस्तेमाल बाइक बरामद हुई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed