मुस्लिम महिला का हिजाब हटाने के मामले में नीतीश कुमार पर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद की नाराजगी

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में वह एक कार्यक्रम के दौरान नियुक्ति पत्र देते समय एक मुस्लिम महिला के चेहरे से बुर्का हटाते दिखाई दे रहे हैं। इस घटना के सामने आने के बाद राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं।
इस मामले पर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार कभी एक सक्षम प्रशासक और संतुलित नेता रहे हैं। उन्होंने बिहार को दिशा दी और देश की राजनीति में भी उनसे लोगों को काफी उम्मीदें थीं, लेकिन अब उनकी उम्र और मानसिक स्थिति को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं।
व्यवहार पर उठाए सवाल
शंकराचार्य ने सवाल करते हुए कहा कि यदि नियुक्ति पत्र देते समय पहचान के लिए महिला का चेहरा देखना जरूरी था, तो उनसे शालीनता के साथ स्वयं चेहरा दिखाने को कहा जा सकता था। हाथ पकड़कर बुर्का हटाना मर्यादा के अनुरूप नहीं है। उन्होंने इस कृत्य को असंवेदनशील और अनुचित व्यवहार बताया।
विराम लेने की सलाह
अविमुक्तेश्वरानंद ने आगे कहा कि जब किसी व्यक्ति की मानसिक संतुलन क्षमता कमजोर होने लगती है, तो इस तरह की घटनाएं बार-बार सामने आती हैं। इसका प्रभाव न केवल संबंधित व्यक्ति या पार्टी पर पड़ता है, बल्कि पूरे समाज और देश को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है। उन्होंने कहा कि अब नीतीश कुमार को सक्रिय राजनीति से विराम लेकर अपनी पार्टी के किसी नए नेता को आगे बढ़ाना चाहिए और स्वयं मार्गदर्शक की भूमिका निभानी चाहिए।
विवाद लगातार बढ़ता जा रहा
उल्लेखनीय है कि पटना में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान नियुक्ति पत्र वितरण के समय का यह वीडियो सामने आने के बाद से मामला लगातार तूल पकड़ रहा है। इस घटना को लेकर विपक्ष ने भी नीतीश कुमार पर निशाना साधा है और बयानबाजी का दौर जारी है।
