असम में हाथियों की सुरक्षा के लिए रेलवे ने अपनाई AI-आधारित निगरानी, दुर्घटनाओं को रोकने की तैयारी

असम में हाल ही में हुई एक दुर्घटना में सैरंग-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन के हाथियों के झुंड से टकराने के कारण 7 हाथियों की मौत हो गई थी। इस घटना से सबक लेते हुए रेलवे अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीक के जरिए वन्यजीवों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है।

रेलवे ने डिस्ट्रिब्यूटेड एकॉस्टिक सिस्टम (DAS) पर आधारित AI-इनेबल्ड इंट्रूजन डिटेक्शन सिस्टम (IDS) तैनात किया है। यह सिस्टम रेलवे पटरियों के पास हाथियों या अन्य वन्यजीवों की मौजूदगी का पता लगाकर लोको पायलट को समय रहते अलर्ट भेजता है।

पूर्वोत्तर रेलवे में इस प्रणाली का पायलट चरण पहले से चल रहा है। इसे 141 रूट किलोमीटर क्षेत्र में लागू किया गया है और सफलता मिलने के बाद अब इसे 1,122 रूट किलोमीटर तक बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए 981 रूट किलोमीटर के लिए नए टेंडर भी जारी किए गए हैं।

सिस्टम की कार्यप्रणाली इस प्रकार है: रेलवे ट्रैक के आसपास गतिविधियों पर नजर रखते हुए यह हाथियों की आवाज़ और वाइब्रेशन को पहचानता है। AI-आधारित कैमरे और सेंसर लोको पायलट को आधा किलोमीटर पहले चेतावनी देते हैं, साथ ही स्टेशन मास्टर और कंट्रोल रूम को रियल-टाइम अलर्ट भेजते हैं। इससे समय रहते ट्रेन की गति कम करना या रोकना संभव हो पाता है, और दुर्घटनाओं की संभावना काफी हद तक घट जाती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *