ED की बड़ी कार्रवाई: डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड केस में 5 राज्यों में छापेमारी, महिला आरोपी गिरफ्तार

डिजिटल अरेस्ट के नाम पर हुई बड़ी साइबर ठगी के मामले में ईडी ने पांच राज्यों में ताबड़तोड़ कार्रवाई की। जालंधर जोनल ऑफिस की टीम ने पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और असम में 11 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। ये कार्रवाई PMLA के तहत चल रही मनी लॉन्ड्रिंग जांच में की गई, और इस दौरान कई दस्तावेज और डिजिटल डिवाइस जब्त किए गए।
ईडी की जांच लुधियाना साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में दर्ज FIR के आधार पर शुरू हुई थी। बाद में इसी गैंग से जुड़े 9 अन्य एफआईआर अलग-अलग पुलिस एजेंसियों द्वारा दर्ज किए गए, जिन्हें जांच में शामिल किया गया।
जांच में खुलासा:
जांच में सामने आया कि लुधियाना के उद्योगपति एसपी ऑस्वाल को ठगों ने सीबीआई अफसर बनकर और फर्जी सरकारी व न्यायिक दस्तावेज दिखाकर डिजिटल अरेस्ट में फंसाया। इसके बाद उनके खाते से लगभग 7 करोड़ रुपये अलग-अलग फेक खातों में ट्रांसफर कर लिए गए। इनमें से 5.24 करोड़ रुपये बाद में रिकवर कर पीड़ित को वापस किए गए, जबकि बाकी रकम फेक अकाउंट्स में चली गई।
ईडी के मुताबिक, फेक खातों का लॉग-इन एक महिला, रूमी कलिता, इस्तेमाल करती थी। बदले में उसे ठगी की रकम का कुछ प्रतिशत कमीशन मिलता था। वह पैसों की लेयरिंग और डायवर्जन में सक्रिय भूमिका निभा रही थी।
गिरफ्तारी और रिमांड:
रूमी कलिता को 23 दिसंबर, 2025 को गिरफ्तार किया गया। गुवाहाटी की CJM कोर्ट से चार दिन की ट्रांजिट रिमांड मिली। इसके बाद उन्हें जालंधर की स्पेशल PMLA कोर्ट में पेश किया गया, जहां 2 जनवरी, 2026 तक 10 दिन की ईडी कस्टडी मंजूर की गई। ईडी ने कहा कि जांच जारी है और आने वाले दिनों में इस डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई हो सकती है।
