ज्ञानवापी एएसआई विश्लेषण | वाराणसी: 8वें दिन सर्वे के लिए ज्ञानवापी मस्जिद पहुंची ASI टीम, GPR और 3D मैपिंग की तैयारी

 

Gyanvapi case

File Photo

नई दिल्ली/वाराणसी. जहां एक तरफ सुप्रीम कोर्ट (Supeme Court) के आदेश से वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर (Gyanvapi Survey) में चल रहे पुरातात्विक सर्वेक्षण का काम जोरशोर से चल रहा है। वहीं सर्वे के सातवें दिन ASI ने मस्जिद की इमारत का सर्वे पूरा कर लिया। वहीं अब अब टीम तहखाने में उतर गई है। हालांकि तहखाने में व्यासपीठ हिस्से में पहले ही काम शुरू हो गया था। सर्वेक्षण के लिए ASI (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण) की एक टीम वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में पहुंच चुकी है। वहीं आज 8वें दिन का सर्वे करने के लिए ASI की टीमें परिसर पहुंच चुकी हैं।

जानकारी दें कि, बीते बुधवार को ASI की टीम ने तहखानों के कमरों के साथ दूसरे तहखानों के भीतर के भग्नावशेषों, प्रस्तर खंडों, आकृतियों, दीवारों, फर्श और छत की संरचना का अध्ययन शुरू किया। वहीं ASI टीम अब दर्जनों आधुनिक मशीनों का भी प्रयोग कर रही है। मामले पर जानकारों का दावा है कि नींव के स्ट्रक्चर और निर्माण का कालखंड सर्वे रिपोर्ट में एक अहम भूमिका निभा सकता है।

वहीं आज ज्ञानवापी में ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (GPR) के लिए आए एक्सपर्ट मशीन लगाने की जगहों का चिह्नांकन शुरू कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि, इसमें चार स्थान सेंट्रल ड्रोम यानि मुख्य तहखाने में तय किए जाएंगे। इससे पहले व्यास तहखाना में मिली कलाकृतियों, गुंबदों की सीढ़ियों के पास बने कलशनुमा कलाकृति की स्कैनिंग जारी है। वहीं 30 सदस्य तीनों गुंबद और तहखाने समेत संपूर्ण परिसर की 3D इमेजिंग और मैंपिग भी कर रहे हैं।

गौरतलब है कि, सुप्रीम कोर्ट ने हिंदू पक्ष को राहत देते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था, जिसमें ASI को वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में वैज्ञानिक सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी। पता हो कि, यह सर्वे यह तय करने के लिए किया जा रहा है कि, क्या 17वीं शताब्दी की मस्जिद का निर्माण एक हिंदू मंदिर की पहले से मौजूद संरचना पर किया गया है या नहीं।

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