ज्ञानवापी मामला | ज्ञानवापी मामला: मुस्लिम वर्ग के लिए गंभीर समस्या, मस्जिद के अंदर होगी ASI जांच, वाराणसी कोर्ट ने दी मंजूरी

वाराणसी: वाराणसी की जिला अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद मामले में सर्वे को लेकर अहम फैसला सुनाया है. कोर्ट ने ASI सर्वे को मंजूरी दे दी है. कोर्ट ने विवादित हिस्से (वजूखाना) को छोड़कर पूरे परिसर का एएसआई सर्वे कराने की इजाजत दे दी है.
इस मामले में हिंदू पक्ष की ओर से पैरवी कर रहे वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि कोर्ट ने एएसआई सर्वे का आदेश दिया है. विष्णु शंकर जैन ने कहा कि मेरा आवेदन स्वीकार कर लिया गया है और अदालत ने वजू टैंक (जो सील है) को छोड़कर पूरे ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का एएसआई सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया है। एएसआई इस सर्वे की रिपोर्ट चार अगस्त को जिला जज को सौंपेगी.
श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी प्रकरण | ज्ञानवापी मस्जिद मामले में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले विष्णु शंकर जैन कहते हैं, “मुझे सूचित किया गया है कि मेरा आवेदन मंजूर कर लिया गया है और अदालत ने वज़ू को छोड़कर ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का एएसआई सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया है… pic.twitter.com/Le2C0p1SBF
– एएनआई (@ANI) 21 जुलाई 2023
ज्ञानवापी मस्जिद मामले में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि हमने कहा था कि पूरे क्षेत्र का एएसआई द्वारा सर्वेक्षण किया जाना चाहिए। आज कोर्ट ने हमारी अर्जी पर सहमति जताई है और अब एएसआई इस केस की दिशा और दशा तय करेगा. शिवलिंग का कोई सर्वे नहीं होगा. उनका मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है जिसकी अगली सुनवाई 29 अगस्त को है. लेकिन शिवलिंग को छोड़कर पूरे परिसर का सर्वे होगा.
ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने कहा कि अदालत ने एएसआई सर्वेक्षण के लिए हमारे आवेदन को स्वीकार कर लिया है. यह इस मामले में एक निर्णायक मोड़ है.
गौरतलब है कि अगस्त 2021 में पांच महिलाओं ने स्थानीय अदालत में याचिका दायर कर मस्जिद परिसर के अंदर स्थित मां श्रृंगार गौरी स्थल पर नियमित पूजा के अधिकार की मांग की थी. अप्रैल 2022 में, सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सर्वेक्षण का आदेश दिया। मुस्लिम पक्ष के विरोध के बीच अंततः मई 2022 में सर्वेक्षण पूरा हुआ। इस बीच, हिंदू पक्ष ने मस्जिद परिसर के अंदर स्नान के लिए बने तालाब में ‘शिवलिंग’ मिलने का दावा किया, जबकि मुस्लिम पक्ष ने इसे एक फव्वारा बताया।