ताज महल: दिल्ली की यमुना खतरे में, आगरा के ताज महल तक पानी पहुंचा तो नष्ट हो जाएंगे स्मारक? यहां अध्ययन करें

 

ताज महल

तस्वीर: द ट्रिब्यून

नई दिल्ली/आगरा. जहां एक तरफ राजधानी दिल्ली (दिल्ली) में यमुना नदी (यमुमा वाटर लेवल) में पानी अब खतरे के निशान से नीचे आ गया है। जबकि आज सुबह छह बजे जलस्तर 205.25 मीटर पर था. हालांकि, अभी भी यमुना से सटे निचले इलाकों में जबरदस्त पानी भरा हुआ है. दिल्ली के राजघाट पर जलभराव देखने को मिला.

गौरतलब है कि पिछले दो दिनों से मौसम खुलने से कुछ हद तक राहत मिलने की संभावना है. वहीं, बुधवार सुबह आए आंकड़ों पर नजर डालें तो सुबह 6 बजे यमुना का जलस्तर 205.25 मीटर दर्ज किया गया है, जो कुछ दिन पहले तक 209 मीटर के आसपास था.

सौजन्य: एएफपी न्यूज एजेंसी

लेकिन एक दिलचस्प खबर यह है कि इस बार आगरा में विश्व प्रसिद्ध ताज महल की दीवारों तक भी यमुना नदी का पानी पहुंच गया है. ताज के आसपास बने निचले इलाकों में भी पानी भर गया है. हालांकि, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) का कहना है कि बढ़े जलस्तर से ताज महल को कोई खतरा नहीं है. गौरतलब है कि 1978 और 2010 में ही यमुना का पानी इसी तरह से ताज महल की दीवार तक पहुंचा था।

आपको बता दें कि ताज महल की दीवारों तक पानी कम ही पहुंचता है, लेकिन अब ताज के पास यमुना में पानी करीब 500 फीट तक पहुंच गया है. जबकि मध्यम बाढ़ स्तर का खतरे का निशान 499 है। यमुना का पानी आने से स्मारक के पीछे का बगीचा भी जलमग्न हो गया है। और इस बार यमुना नदी एत्मादौला स्मारक के पास से होकर गुजर रही है. अब प्रशासन भी यमुना के बढ़े जलस्तर को लेकर अलर्ट मोड पर है.

यमुना के बढ़े जलस्तर के कारण ताजगंज श्मशान घाट और पोइयाघाट दोनों पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं. वहीं, प्राचीन दशहरा घाट, एत्मादौला का मकबरा, राम बाग, महताब बाग, जोहरा बाग, काला गुंबद जैसे इलाकों में भी बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है।

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