समाचार | यूपी में बारिश अपना कहर बरपा रही है और नदियों में पानी लगातार बढ़ रहा है।
फ़ाइल चित्र
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लखनऊ: पूरे उत्तर प्रदेश में बारिश कहर बरपा रही है. पिछले दस दिनों से प्रदेश भर में बारिश का सिलसिला जारी है. पहाड़ों पर भी हो रही भारी बारिश के कारण राज्य में बहने वाली लगभग सभी नदियों का जलस्तर बढ़ गया है. हालांकि, इस बार भारी बारिश के कारण राज्य में धान की रोपाई समय से पहले पूरी हो रही है. धान की नर्सरी जहां जून में ही समय से तैयार हो गई थी, वहीं अब रोपाई का काम भी तेजी से पूरा किया जा रहा है। राज्य के विभिन्न जिलों में बोयी जाने वाली अगेती धान की फसल की रोपाई का काम पूरा हो चुका है. राज्य में अब तक 58.5 लाख हेक्टेयर के विरूद्ध 18 लाख हेक्टेयर में वृक्षारोपण हो चुका है।
वहीं, पिछले दस दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण राज्य में बड़ी संख्या में लोगों की जान जा चुकी है. पिछले 24 घंटे में अलग-अलग घटनाओं में 34 लोगों की मौत हो गई है. इनमें से 17 की बिजली गिरने से, 12 की डूबने से और 5 की भारी बारिश के कारण मौत हो गई। मौसम विभाग ने अगले दो दिनों में भी पूरे प्रदेश में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है. कई सालों के बाद इस बार उत्तर प्रदेश में जुलाई के पहले पखवाड़े में ही बाढ़ के आसार हैं.
ये निर्देश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिये
राजधानी लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाढ़, जलभराव और राहत कार्यों की समीक्षा करते हुए जरूरी दिशा-निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भारी बारिश के बाद अगले कुछ दिनों में राज्य की विभिन्न नदियों का जलस्तर बढ़ने की संभावना है. इसके चलते सिंचाई एवं जल संसाधन के साथ ही राहत एवं बचाव से जुड़े सभी विभाग अलर्ट मोड में रहें. अधिकारियों ने बताया कि इस साल अब तक 24 जिलों में सामान्य से अधिक बारिश हुई है, जबकि 31 जिलों में औसत से कम बारिश हुई है. हालांकि, मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक जुलाई महीने में भी इन जिलों में अच्छी बारिश होने की संभावना है.
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परिजनों को तत्काल सहायता उपलब्ध करायी जाय
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में कई स्थानों पर आकाशीय बिजली गिरने से जान-माल के नुकसान की खबरें आयी हैं. ऐसे पीड़ित परिवारों को तत्काल सहायता उपलब्ध कराई जाए। इस साल पूर्वी उत्तर प्रदेश में बिजली गिरने की घटनाएं बढ़ रही हैं. आकाशीय बिजली के सटीक पूर्वानुमान की बेहतर प्रणाली (पूर्व चेतावनी प्रणाली) विकसित करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि राजस्व एवं राहत, कृषि, राज्य आपदा प्रबंधन, रिमोट सेंसिंग प्राधिकरण, भारतीय मौसम विभाग, केंद्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के साथ संचार संपर्क स्थापित करें और ऐसी प्रणाली विकसित करें, जिससे आम लोगों को समय पर मौसम की सटीक जानकारी मिल सके। साथ ही, धान की रोपाई की प्रगति की निगरानी के लिए एक डिजिटल प्लेटफॉर्म विकसित किया जाना चाहिए, ताकि जिलावार रोपाई की सही स्थिति समय पर पता चल सके।