UP News: उत्तर प्रदेश की एक महिला न्यायाधीश ने CJI से इच्छा मृत्यु की मांग की क्योंकि उसे भरी अदालत में गालियां दी गईं और अपमानित किया गया था।
लखनऊ. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बांदा जिले (Banda District) में तैनात एक महिला न्यायाधीश ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़ से इच्छामृत्यु की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि उनका भरी अदालत में शारीरिक शोषण हुआ। इसलिए उनके पास आत्महत्या के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है।
महिला न्यायाधीश ने सीजेआई को लिखे पत्र में कहा, “मैंने न्यायिक सेवा बेहद उत्साह और विश्वास के साथ ज्वाइन की थी। मेरा लक्ष्य लोगों को न्याय देना था। मुझे नहीं पता था कि मैं जिस भी दरवाजे न्याय मांगने जाऊंगी, वहां मुझसे भिखारियों जैसा व्यवहार किया जाएगा।”
मेरे साथ कूड़े जैसा व्यवहार किया
महिला न्यायाधीश ने बाराबंकी में तैनाती के दौरान जिला जज द्वारा शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “नौकरी के दौरान मुझे भरी अदालत में अपमानित किया गया। गालियां दी गई। मुझे शारीरिक शोषण का शिकार होना पड़ा। मेरे साथ ऐसा व्यवहार किया गया जैसे मैं कूड़ा हूं। मुझे खुद के कीड़े जैसे होने का एहसास कराया गया। मैं दूसरों को दिलाती हूं, मगर मेरे बारे में कौन सोचता है?”
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सुसाइड के अलावा कोई और ऑप्शन नहीं
महिला न्यायाधीश ने कहा, “अब मेरे पास सुसाइड के अलावा कोई और ऑप्शन नहीं बचा है। इसलिए मुझे इच्छा मृत्यु की इजाजत दी जाए।” उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि मेरी जिंदगी, मेरा आत्मसम्मान और मेरी आत्मा मर चुकी है। मैं लोगों को कैसे न्याय दे पाऊंगी, जबकि मैं खुद निराश हो चुकी हूं। मेरे अंदर अब जीने की इच्छा नहीं बची है। मई डेढ़ साल में जिन्दा लाश की तरह हूं। अब मेरी जिंदगी का कोई मकसद नहीं बचा है। कृपया मुझे अपनी जिंदगी सम्मानजनक तरीके से खत्म करने की अनुमति दें। मेरे भाग्य के लिए कोई भी जिम्मेदार नहीं है।”
पत्र में 15 दिसंबर की तारीख
महिला न्यायाधीश का इच्छा मृत्यु की मांग वाले पत्र में 15 दिसंबर यानी कल की तारीख लिखी है। इसको लेकर उन्होंने कहा कि उन्होंने यह पत्र उन्होंने ही लिखे जाने की बात स्वीकार की। उनका कहना है कि उन्होंने अपने दोस्तों को यह लेटर भेजा था। शायद उन लोगों ने वायरल किया है।