योगी आदित्यनाथ योगेश्वरों से प्रेरित होकर राष्ट्र और धर्म के लिए योगदान देना सबसे बड़ी जरूरत: सीएम योगी आदित्यनाथ

 

योगी आदित्यनाथ

रोहतक/लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM योगी आदित्यनाथ) ने रविवार को हरियाणा के रोहतक के बोहर में बाबा मस्तनाथ जी की समाधि पर पूजा-अर्चना की। श्री बाबा मस्तनाथ मठ पहुंचे मुख्यमंत्री ने यहां हरण पूजा में भाग लिया। गुरु महाराज महंत पीर चांदनाथ योगी की स्मृति में आयोजित होने वाले आठ मान भंडारा, शंखदल और देश मेले की तिथि सुनिश्चित करने के लिए योगी आदित्यनाथ (YogiAdityanath) ने देश भर के नाथ संप्रदाय के योगेश्वर संतों के साथ विचार-विमर्श किया.

इस मौके पर दिए गए संबोधन में सीएम योगी ने कहा कि नाथ संप्रदाय देश का सबसे प्राचीन संप्रदाय है. पूज्य संतों, सिद्धों और योगेश्वरों की एक लंबी शृंखला ने हर कालखंड में जन कल्याण और समाज के आध्यात्मिक उत्थान के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर किया है।

पूज्य महंत के सानिध्य में लम्बा समय बिताने का अवसर मिला

सीएम योगी ने कहा कि पूज्य महंत मस्तनाथ महाराज की कृपा इस पूरे क्षेत्र पर बरसती है. हम सभी पूज्यमहंत चांदनाथ योगी की स्मृति में आयोजित हरण पूजा में भाग लेने के लिए यहां आए हैं। मुझे पूज्य महंत चाँदनाथ जी महाराज के सानिध्य में लम्बा समय बिताने का अवसर मिला है। आज वे सशरीर हमारे बीच मौजूद नहीं हैं, लेकिन उनकी सूक्ष्म उपस्थिति यहां सिद्ध शिरोमणि बाबा मस्तनाथ जी की भव्य समाधि के रूप में देखी जा सकती है। हम यहां पूज्य महंत चांदनाथ जी के आठ मान भंडारा, शंखदल और देश मेले की तिथि सुनिश्चित करने के लिए एकत्र हुए हैं।

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नाथ संप्रदाय के अनुयायी कश्मीर से लेकर सुदूर दक्षिण और पूर्वोत्तर तक फैले हुए हैं

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पूज्य महंत जी ने जिन आदर्शों नाथ संप्रदाय को आगे बढ़ाने के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। उनसे प्रेरणा लेकर हमें भी देश और धर्म के लिए अपने स्तर पर योगदान देना चाहिए, यही आज की सबसे बड़ी जरूरत है। कश्मीर से लेकर सुदूर दक्षिण और उत्तर-पूर्व के राज्यों में नाथ संप्रदाय के अनुयायी भरे पड़े हैं। सभी अनुयायियों को सन्मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करना। यह देखना कि कोई सनातन धर्म का उल्लंघन न करे और नाथ संप्रदाय की शिक्षाओं को अपने जीवन में अपनाएं। महंत चांदनाथ ने राजस्थान और हरियाणा में नाथ संप्रदाय को आगे बढ़ाया था। उन्होंने अपने जीवन में मनसा, वाचा, कर्मणा धर्म का पालन किया था। आज उन्हीं की प्रेरणा से योगी बालकनाथ आम जनता की सेवा के कार्य में लगे हुए हैं। इस मौके पर देशभर से बड़ी संख्या में नाथ संप्रदाय से जुड़े श्रीमहंत, पीर और योगेश्वर मौजूद रहे.

 

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