क्या नैनीताल खतरे में है? 3 किमी क्षेत्र में भू-धंसान, घरों का होगा सर्वेक्षण

क्या नैनीताल खतरे में है? 3 किमी क्षेत्र में भू-धंसान, घरों का होगा सर्वेक्षण
क्या नैनीताल खतरे में है? 3 किमी क्षेत्र में भू-धंसान, घरों का होगा सर्वेक्षण

क्या नैनीताल नक्शे से मिटने की कगार पर? 3 किमी तक भू-धंसान, CBRI करेगा सर्वेक्षण

उत्तराखंड का प्रसिद्ध शहर नैनीताल इन दिनों गंभीर प्राकृतिक खतरों का सामना कर रहा है। भूस्खलन, दरारें और भूकंप की घटनाओं ने स्थानीय लोगों की चिंता बढ़ा दी है। शहर के बड़े इलाके में पहाड़ों के धंसने की खबरें भी सामने आ रही हैं। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या नैनीताल वाकई भूगोल के नक्शे से गायब हो सकता है?

CBRI करेगा घरों का सर्वेक्षण

बढ़ते खतरों के बावजूद नैनीताल में आबादी और निर्माण कार्य लगातार बढ़ रहे हैं। इसी को देखते हुए सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टिट्यूट (CBRI) ने शहर के 1,000 अवैध रूप से निर्मित घरों का सर्वेक्षण करने का निर्णय लिया है। इस अध्ययन में यह जांच होगी कि शहर के भवन भूकंप के झटकों को सहन करने में सक्षम हैं या नहीं। इसके तहत बचाव और कैरिंग कैपेसिटी की रिपोर्ट भी तैयार की जाएगी।

नैनीताल में बढ़ा भूस्खलन और नई दरारें

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, टिफिन टॉप, चाइना पीक, चार्टन लॉज, स्नो व्यू समेत कई इलाकों में भूस्खलन और दरारों की घटनाएं सामने आई हैं। इससे पहले 2009 में भी विशेषज्ञों ने नैनीताल की कैरिंग कैपेसिटी पर रिपोर्ट तैयार कर सरकार को सौंपी थी। अब सरकार भूवैज्ञानिकों और स्थानीय लोगों के सुझावों को लागू करने की योजना बना रही है।

चूहों ने भी बढ़ाई मुसीबत

नैनीताल की पहाड़ियों में भूस्खलन के खतरे के बीच चूहों का आतंक भी एक गंभीर समस्या बन चुका है। ये चूहे हजारों घरों, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों, नालों और सड़कों की सुरक्षा दीवारों को खोखला कर रहे हैं। इससे नालियां जाम हो रही हैं और भू-धंसाव का खतरा बढ़ रहा है। नैनीताल के जिलाधिकारी ने इस समस्या की जांच के लिए रिपोर्ट मांगी है।

3 किमी तक पहाड़ धंस रहे हैं

हाल ही में जोशीमठ में भयावह भू-धंसाव की घटनाएं सामने आई थीं, और अब नैनीताल से 8 किमी दूर स्थित खूपी गांव में भी भू-धंसाव का खतरा बढ़ रहा है। 2012 से इस गांव में पहाड़ धंसने की घटनाएं हो रही हैं, जिससे हर साल 19 घरों में दरारें पड़ रही हैं। प्रशासन ने हाल ही में गांव का निरीक्षण किया और प्रभावित लोगों के पुनर्वास पर विचार कर रहा है।

चार्टन लॉज इलाके में भी भूस्खलन का खतरा

चार्टन लॉज क्षेत्र में भूस्खलन की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। यहां 18 परिवारों सहित दर्जनों घरों पर खतरा मंडरा रहा है, जिनमें से तीन परिवार पहले ही घर छोड़ चुके हैं। बाकी परिवारों को भी सावधानी बरतने की चेतावनी दी गई है।

नैनीताल शहर पर मंडरा रहा बड़ा खतरा

विशेषज्ञों के मुताबिक, नैनीताल के खूपी गांव से लघु हिमालय और बाह्य हिमालय (शिवालिक) रेंज को जोड़ने वाली मेन बाउंड्री थ्रस्ट (MBT) गुजरती है। यह भूगर्भीय हलचल का कारण बन रही है, जिससे भूस्खलन और दरारें लगातार बढ़ रही हैं। हाल ही में टिफिन टॉप भूस्खलन के कारण गिर चुका है, और नैना पीक पहाड़ में भी दरारें आ रही हैं।

क्या नैनीताल का अस्तित्व खतरे में है?

भूवैज्ञानिकों और विशेषज्ञों के अनुसार, नैनीताल का संपूर्ण इलाका खतरे में है। शहर को बचाने के लिए सरकार, वैज्ञानिकों और स्थानीय प्रशासन को मिलकर ठोस कदम उठाने की जरूरत है, अन्यथा आने वाले वर्षों में नैनीताल का अस्तित्व खतरे में पड़ सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *