झांसी के पूर्व विधायक दीपनारायण यादव ने एक महत्वपूर्ण घोषणा की: मीटिंग में अखिलेश से कहा कि वे अगले चुनाव में नहीं लड़ेंगे, बल्कि पार्टी की जीत के लिए काम करेंगे – झांसी न्यूज़

ये तस्वीर पूर्व विधायक दीपनारायण सिंह यादव की है।

झांसी-ललितपुर लोकसभा सीट पर इंडी गठबंधन की हार के बाद सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने पहली बार समीक्षा बैठक की। लखनऊ पार्टी कार्यालय में साढ़े 3 घंटे तक नेताओं से बात की। इस मीटिंग में झांसी के कद्दावर नेता पूर्व विधायक दीपनारायण सिंह यादव एक ऐसा ऐलान कर

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उन्होंने सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव से स्पष्ट कह दिया कि वह अगला विधानसभा चुनाव नहीं लड़ना चाहते। बल्कि, पार्टी की जीत के लिए काम करेंगे। प्रदेश में सपा की सरकार बनाना ही उनकी प्राथमिकता है। इस पर अखिलेश यादव कुछ नहीं बोले। इस मीटिंग में झांसी-ललितपुर के सपा पदाधिकारी शामिल थे।

बात सुनकर कुछ नहीं बोले अखिलेश

समीक्षा बैठक में झांसी-ललितपुर संसदीय क्षेत्र के स्थानीय सपा नेता शामिल हुए।

लोकसभा चुनाव में बुंदेलखंड की 4 सीटों में से 3 पर सपा की अगुवाई में इंडिया गठबंधन जीत हासिल करने में कामयाब रहा था। केवल झांसी-ललितपुर सीट पर ही गठबंधन प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा था। हार की समीक्षा के लिए अखिलेश यादव ने लखनऊ में झांसी और ललितपुर के नेताओं की बैठक बुलाई थी।

इसमें दीपनारायण ने पार्टी सुप्रीमो से कहा कि वह विधानसभा के टिकट के दावेदार नहीं हैं और अगला चुनाव नहीं लड़ेंगे, बल्कि पार्टी की जीत के लिए काम करेंगे। अखिलेश ने भी उनकी बात का कोई प्रतिवाद नहीं किया। जबकि, विधानसभा के अगले चुनाव के लिए गरौठा विधानसभा से दीपनारायण को प्रबल दावेदार माना जा रहा था। क्षेत्र में भी वे लगातार सक्रिय बने हुए थे।

दो बार रह चुके हैं विधायक

दीपनारायण सिंह यादव की गिनती सपा के कद्दावर नेताओं में होती है। सपा के टिकट पर गरौठा से दो बार विधायक रह चुके हैं। जबकि, उनकी पत्नी मध्य प्रदेश के निवाड़ी से विधायक रह चुकी हैं। लेकिन, पिछले दो चुनावों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा।

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में उन्होंने निवाड़ी किस्मत आजमाई, लेकिन सफलता हासिल नहीं कर पाए थे। वहीं, लोकसभा चुनाव में उन्होंने मध्य प्रदेश की खजुराहो सीट से पर्चा दाखिल किया था, जो खारिज हो गया था।

500 करोड़ की संपत्ति जब्त हो चुकी है

भाजपा की दूसरी बार सरकार बनने के बाद पूर्व विधायक दीपनारायण सिंह यादव पर शिकंजा कंसा गया था। उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का केस दर्ज हुआ था। इसके बाद पेशी पर झांसी आए कुख्यात बदमाश को छुड़ाने के आरोप में एफआईआर दर्ज हुई थी। पुलिस ने उनको गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।

इसके बाद कई केस दर्ज हुए थे। पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट में कार्रवाई करते हुए उनकी 500 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति को जब्त कर लिया था। जमानत मिलने के बाद वह जेल से बाहर आ गए थे।

गरौठा से ब्राह्मण चेहरा उतार सकती है सपा

गरौठा विधानसभा में समाजवादी पार्टी का मजबूत वोट बैंक है। हालांकि, अगले विधानसभा चुनाव में अभी काफी समय बाकी है, लेकिन गरौठा से सपा से ब्राह्मण चेहरा उतारे जाने की चर्चाएं अभी से जोर पकड़े हुए हैं। चर्चा है कि सपा यहां सोशल इंजीनियरिंग के फार्मूले के साथ चुनाव लड़ेगी।

जो अच्छा लड़ेगा, उसको लड़ाएंगे

पूर्व विधायक दीपनारायण सिंह यादव का कहना है कि आगामी विधानसभा चुनाव के लिए टिकट का मैं दावेदार नहीं हूं। लड़ाई अब चुनाव लड़ने की नहीं, बल्कि पार्टी को जीत दिलाने की है। अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री बनाना है, ताकि गरीबों का भला हो सके। जो अच्छा लड़ेगा, पार्टी उसको चुनाव लड़ाएगी।

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