प्रयागराज के बाद कहां लगेगा अगला कुंभ मेला? इस राज्य की सरकार ने तैयारियों की शुरुआत की


महाकुंभ का समापन, अब अगला कुंभ मेला कहां और कब होगा?
प्रयागराज में 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा के अवसर पर प्रारंभ हुआ महाकुंभ आज संपन्न हो रहा है। महाशिवरात्रि के पावन दिन लाखों श्रद्धालु संगम में पवित्र स्नान कर रहे हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, फाल्गुन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था, और इसी दिन शिव ने शिवलिंग रूप धारण किया था। इसलिए, यह स्नान अत्यंत शुभ माना जाता है। प्रशासन के अनुसार, आज सुबह 6 बजे तक 41 लाख से अधिक श्रद्धालु गंगा में आस्था की डुबकी लगा चुके हैं। इसी के साथ प्रयागराज महाकुंभ 2025 का समापन हो रहा है, और अब सभी की निगाहें अगले कुंभ मेले पर टिकी हैं।
अगला कुंभ मेला कहां और कब होगा?
प्रयागराज महाकुंभ के समापन के बाद अगला महाकुंभ हरिद्वार में गंगा तट पर आयोजित होगा। यह कुंभ मेला 2027 में लगेगा और इसे ‘अर्धकुंभ 2027’ के नाम से जाना जाएगा। इसको लेकर उत्तराखंड सरकार ने पहले ही तैयारियां शुरू कर दी हैं। सरकार के निर्देशानुसार, हरिद्वार प्रशासन ने ‘अर्धकुंभ 2027’ के सफल आयोजन के लिए बैठकें प्रारंभ कर दी हैं।
प्रशासन की तैयारी और सुरक्षा व्यवस्था
बैठक के बाद गढ़वाल आईजी राजीव स्वरूप ने कहा,
“अर्धकुंभ 2027 की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। सभी विभागों ने अपनी योजनाओं को प्रस्तुत किया है। इसमें सुरक्षा, यातायात प्रबंधन, पार्किंग व्यवस्था और भीड़ नियंत्रण के लिए रणनीतियां बनाई जा रही हैं। साथ ही, आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी चर्चा की गई है। कमिश्नर और संबंधित विभाग इस पर आगे कार्य करेंगे।”
गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे ने बताया,
“मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि 2027 में हरिद्वार में आयोजित होने वाला यह मेला ‘कुंभ’ के रूप में आयोजित किया जाएगा। यह आयोजन भव्य, दिव्य और सुरक्षित होगा। श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं देने के लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। जल्द ही मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक होगी, जिसमें व्यापक योजनाओं पर निर्णय लिया जाएगा।”
2027 का कुंभ होगा विशेष
हरिद्वार का कुंभ मेला भारतीय संस्कृति और आस्था का एक महत्वपूर्ण आयोजन है। 2027 में होने वाला यह कुंभ, भव्यता और सुरक्षा के नए आयाम स्थापित करेगा। प्रशासन इसकी तैयारियों में जुट चुका है, ताकि श्रद्धालु सुगमता और श्रद्धा के साथ इस धार्मिक आयोजन का हिस्सा बन सकें।