“तनावपूर्ण संबंध किसी के हित में नहीं” – चीन को लेकर बोले विदेश मंत्री जयशंकर।


भारत-चीन संबंधों पर विदेश मंत्री जयशंकर का बयान
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भारत और चीन के रिश्तों को लेकर महत्वपूर्ण टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि 2020 में गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद से दोनों देश अपने संबंधों को दोबारा सुधारने का प्रयास कर रहे हैं। जयशंकर ने यह भी कहा कि तनावपूर्ण रिश्ते किसी भी पक्ष के लिए लाभकारी नहीं होते।
गलवान झड़प पर जयशंकर की प्रतिक्रिया
एस. जयशंकर ‘एशिया सोसाइटी’ द्वारा आयोजित एक सत्र में भाग ले रहे थे, जहां उन्होंने कहा कि भविष्य में भारत और चीन के बीच मतभेद हो सकते हैं, लेकिन इन्हें टकराव में बदलने से बचाना जरूरी है। उन्होंने 2020 की घटनाओं को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि यह सिर्फ सैन्य झड़प नहीं थी, बल्कि पूर्व में हुए समझौतों का उल्लंघन भी था।
भारत-चीन संबंधों में सुधार की स्थिति
विदेश मंत्री ने कहा कि भारत-चीन संबंधों में कुछ सुधार देखने को मिला है, लेकिन मुद्दे पूरी तरह समाप्त नहीं हुए हैं। उन्होंने बताया कि दोनों देशों के बीच कूटनीतिक स्तर पर बातचीत जारी है और उन्होंने खुद अपने चीनी समकक्ष से कई बार मुलाकात की है।
गलवान घाटी की घटना
जून 2020 में गलवान घाटी में सीमा पर बनी सहमति का उल्लंघन करते हुए चीनी सैनिकों ने भारतीय क्षेत्र में प्रवेश करने की कोशिश की थी। इस संघर्ष में कई भारतीय जवान शहीद हुए थे, जबकि विभिन्न रिपोर्टों के अनुसार, चीन की सेना को भी भारी नुकसान हुआ था। यह झड़प भारत-चीन संबंधों में अब तक की सबसे गंभीर घटनाओं में से एक रही है, जिसका प्रभाव आज भी दोनों देशों के रिश्तों पर देखा जा सकता है।