Aligarh News: टिकट बंटवारे से पहले बीजेपी में तनाव, खेमे के सांसदों ने बैठक से किया वॉकआउट

टिकट बंटवारे से पहले भाजपा में तनाव, खेमे सहित सांसद बैठक छोड़कर चले गए

कायमपुर में भाजपा जिला कार्यालय पर हंगामे के बाद विद्यानगर के सांसद सतीश गौतम

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केंद्र और राज्य में सत्ताधारी बीजेपी में निकाय चुनाव में आमने-सामने की लड़ाई देखने को मिल रही है. निकाय चुनाव पैनल पर मंथन के लिए असदपुर कयाम स्थित पार्टी कार्यालय में शुक्रवार को हुई बैठक में पार्टी की गुटबाजी खुलकर सामने आई। इस दौरान दो खेमों में बंटे भाजपा के एक खेमे को सांसद के नेतृत्व में बैठाकर छोड़ दिया गया. हालांकि देर रात तक तनाव की स्थिति बनी रही। बैठक छोड़कर आया खेमा देर रात तक सांसद आवास पर रहा और बैठक में मौजूद खेमा बैठक के बाद चला गया। इस दौरान जिलाध्यक्ष ने किसी तरह के विवाद से पूरी तरह इनकार किया और कहा कि जिले के अधिकांश निकायों के पैनल फाइनल हो चुके हैं. इधर, इस घटनाक्रम को लेकर जिले भर में तरह-तरह की चर्चाएं हैं।

हुआ यूं कि पूर्व में प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार दिन में जिला कार्यालय में सामाजिक न्याय सप्ताह के समापन पर अंबेडकर जयंती मनाई गई. जिसमें जिले व महानगर के अधिकांश भाजपा सदस्य मौजूद रहे। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार जिला संगठन प्रभारी एमएलसी श्रीचंद्र शर्मा चौ. शाम को जिला निकाय चुनाव के प्रभारी मंत्री लक्ष्मीनारायण भी वहां पहुंचे। इसके बाद जिला निकायों के पैनल पर मंथन बैठक शुरू हुई। इस दौरान बरौली व कोल विधानसभा के गभाना, जवां, हरदुआगंज व मद्रक नगर पंचायत को लेकर विवाद शुरू हो गया.

यहां सांसद स्तर से उनकी पसंद के नाम रखे गए, वहीं विधायकों व जिला संगठन की दलील थी कि जब वे वहां काम कर रहे हैं तो क्षेत्र के विधायकों व पदाधिकारियों की राय जरूरी है. इस पर सांसद सख्त लहजे में बोले। जिसमें चारों पंचायतों में सांसद किसी और के नाम पर चर्चा कर रहे थे तो क्षेत्र के विधायक किसी और के नाम पर चर्चा कर रहे थे. इसके बाद महानगर के उन 23 वार्डों का जिक्र आया, जो संगठन की दृष्टि से जिले में हैं, लेकिन इस बार वे नगर निगम में शामिल हो गए हैं. उनसे कहा कि महानगर विचार करेगा, उन पर जिले का अधिकार क्यों है।

लेकिन तर्क दिया गया कि अब तक जिला संगठन उन पर काम कर रहा है, तभी जिला विचार करेगा। इस पर बहस भी हुई। इसी बीच महानगर अध्यक्ष के पैनल में बैठने पर सवाल खड़ा हो गया। इसी दौरान सांसद व बरौली विधायक के बीच कहासुनी हो गई। जिसे देख महानगर अधिकारी वैभव गौतम ने विरोध किया तो छारा विधायक रवेंद्रपाल सिंह ने उन्हें मनाने की नीयत से कुछ कहा. इस पर सांसद ने वैभव के पक्ष में कुछ कह दिया तो प्रभारी मंत्री ने मर्यादा का ख्याल रखने की दलील दी.

इस बात पर सांसद अपने समर्थकों के साथ वहां से चले गए. महानगर अध्यक्ष विवेक सारस्वत, एमएलसी मानवेंद्र प्रताप सिंह, मंत्री अनूप प्रधान आदि महानगर समिति के अधिकांश पदाधिकारी उनके साथ बैठकर चले गए. इसके बाद नियत समय तक जिले की बैठक संपन्न कर उसमें जिले के निकायों के पैनल को अंतिम रूप दिया गया। वहीं, महानगर की पूरी टीम देर रात तक सांसद के विद्यानगर स्थित आवास पर मौजूद रही. इस दौरान सांसद सतीश गौतम के मोबाइल नंबरों पर कम से कम बीस बार बात करने का प्रयास किया गया। लेकिन शुरू में उनके पीआरओ ने फोन रिसीव किया और कहा कि सांसद अभी व्यस्त हैं। इसके बाद फोन रिसीव ही नहीं हुआ। लेकिन देर रात खबर लिखे जाने तक सांसद आवास पर लोगों का जमावड़ा लगा रहा।,,

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