“बदायूं में हजरत मजाक मियां साहब का तीन दिवसीय उर्स शुरू, कुरआन ख्वानी से हुआ शुभारंभ”

बदायूं शहर के सागरताल नवादा रोड स्थित विश्व प्रसिद्ध दरगाह कुत्बे औलिया हजरत मजाक मियां साहब पर तीन दिवसीय सालाना उर्स का शुभारंभ शुक्रवार सुबह कुरआन ख्वानी की महफिल से हुआ।
दरगाह के सज्जादानशीन हजरत ख्वाजा सैयद मोहम्मद इख्तियार अली शाह अल मजाकी की देखरेख में कब्बलों की टोली के साथ हजरत सुल्तान आरफीन बड़े सरकार रहमतुल्लाह के मजार पर चादर शरीफ पेश करने के लिए जुलूस निकाला गया। इसके साथ ही दरगाह में कव्वाली की महफिल का आयोजन भी हुआ।
उर्स में शामिल होने के लिए दूर-दराज से आए अकीदतमंदों और जायरीनों के ठहरने व खानपान की व्यवस्था दरगाह परिसर में की गई। पहले दिन कुरआन ख्वानी के बाद महफिल फातेहा ख्वानी आयोजित की गई, जिसमें देश और कौम की सलामती और खुशहाली के लिए दुआएं मांगी गईं।
इसके बाद कव्वाली की महफिल का आयोजन हुआ। अकीदतमंदों ने हजरत मजाक मियां साहब के मजार-ए-मुबारक पर हाजिरी दी, गुलपोशी और चादरपोशी की रस्म अदा की और मन्नतें मांगीं। दरगाह के सज्जादानशीन हजरत ख्वाजा सैयद मोहम्मद इख्तियार अली शाह अल मजाकी और हजरत ख्वाजा सैयद आसार अली शाह अल मजाकी ने उन्हें दुआओं से नवाजा।
अकीदतमंदों का मानना है कि हजरत मजाक मियां साहब के आस्ताने की हाजिरी कभी खाली नहीं जाती और सच्चे दिल से मांगी गई दुआ और मन्नतें जरूर पूरी होती हैं। इसी आस्था के चलते यहां सभी धर्मों के अकीदतमंद और जायरीन नियमित रूप से आते रहते हैं।