कुशीनगर में चार कैनसैट सफलतापूर्वक लॉन्च, आज 20 और होंगे प्रक्षेपित — 600 युवा वैज्ञानिक दिखा रहे अपनी प्रतिभा

कुशीनगर के तमकुहीराज क्षेत्र के जीरो बंधा स्थित जंगलपट्टी गांव में राष्ट्रीय इन-स्पेस मॉडल रॉकेट्री/कैनसैट इंडिया स्टूडेंट कंपटीशन 2024-25 का आगाज सोमवार को हुआ। प्रतियोगिता के पहले दिन देशभर से आए युवा वैज्ञानिकों द्वारा तैयार किए गए चार कैनसैट सफलतापूर्वक लॉन्च किए गए। मंगलवार को कार्यक्रम के दूसरे दिन 20 और कैनसैट प्रक्षेपित किए जाएंगे। यह कार्यक्रम सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक चलेगा।

कैनसैट एक छोटा शैक्षणिक उपग्रह मॉडल होता है, जिसका आकार लगभग एक सोडा कैन जितना होता है। इसे छात्रों को उपग्रह डिजाइन और अंतरिक्ष मिशन के व्यावहारिक ज्ञान से जोड़ने के लिए विकसित किया गया है। छोटे रॉकेट से लगभग एक किलोमीटर की ऊंचाई तक भेजे जाने के बाद यह पैराशूट की मदद से नीचे लौटते हुए तापमान, दबाव, ऊंचाई और जीपीएस जैसे डेटा इकट्ठा करता है।

इन-स्पेस निदेशक डॉ. विनोद कुमार ने बताया कि उत्तर भारत में पहली बार एक साथ चार कैनसैट का सफल प्रक्षेपण हुआ है, जो क्षेत्र के लिए गौरव की बात है।

सुरक्षा और तकनीकी इंतज़ाम:
लॉन्चिंग से पहले कैनसैट को वर्किंग एरिया से लॉन्च पैड तक सुरक्षित रूप से पहुंचाया गया। सुरक्षा कारणों से लगभग 1.25 किलोमीटर का क्षेत्र प्रतिबंधित किया गया था। दर्शकों के लिए राम जानकी मंदिर के पास दर्शक दीर्घा बनाई गई, जबकि जूरी सदस्य और तकनीकी टीमें एलईडी स्क्रीन के जरिए लॉन्चिंग की रीयल-टाइम निगरानी कर रही थीं। पूरी प्रक्रिया की रिकॉर्डिंग आठ हाई-क्वालिटी कैमरों से की गई।

छठ पर्व के कारण समय-सारणी में बदलाव:
छठ पर्व के चलते निर्धारित 10 में से केवल चार कैनसैट ही पहले दिन लॉन्च किए जा सके। शेष छह प्रक्षेपण आज किए जाएंगे। हर लॉन्च के बीच लगभग 10 मिनट का अंतर रखा गया ताकि दर्शकों को हर बार लॉन्चिंग का रोमांच महसूस हो सके।

प्रतिभागियों की भागीदारी:
इस प्रतियोगिता में देशभर के 47 कॉलेजों से कुल 600 युवा वैज्ञानिक शामिल हैं, जिनमें 133 छात्राएं भी हैं। छात्राओं ने तकनीकी मॉडलिंग और लॉन्चिंग दोनों में अपनी दक्षता दिखाकर सराहना बटोरी।

पुरस्कार और मान्यता:
विजेता टीमों को पांच ट्रॉफियों से सम्मानित किया जाएगा, जबकि सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए जाएंगे। कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं में वैज्ञानिक जिज्ञासा और व्यावहारिक अनुभव को प्रोत्साहित करना है।

देवरिया लोकसभा सांसद शशांक मणि के सहयोग से आयोजित इस आयोजन को क्षेत्र के वैज्ञानिक विकास की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। यह प्रतियोगिता 30 अक्टूबर तक चलेगी, जिसमें शेष 67 कैनसैट और रॉकेट मॉडल्स लॉन्च किए जाएंगे।

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