ट्रंप का गाज़ा ब्लूप्रिंट UN में हरी झंडी पाता है; इजरायल असंतुष्ट, वहीं ‘बोर्ड ऑफ पीस’ गाज़ा की दिशा तय करेगा।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के गाजा के लिए शांति योजना का समर्थन किया है. इस योजना में गाजा में अंतरराष्ट्रीय सैनिक भेजने का प्रस्ताव भी है. सोमवार को हुए वोट में 13 देशों ने समर्थन किया, जिनमें ब्रिटेन, फ्रांस और सोमालिया शामिल हैं. हालांकि, किसी ने भी विरोध नहीं किया, जबकि रूस और चीन ने वोटिंग नहीं की.
इस योजना का उद्देश्य गाजा में संघर्षविराम (ceasefire) लागू करना, शहर का पुनर्निर्माण करना और वहां प्रशासन को मजबूत करना है. इसे Board of Peace के जरिए लागू किया जाएगा. यह बोर्ड गाजा के पुनर्निर्माण और आर्थिक स्थिरता का मार्गदर्शन करेगा.
गाजा और इजरायल के बीच बातचीत का जरिया बनेगा अमेरिका
योजना में एक अंतरराष्ट्रीय बल भी होगा, जो गाजा में हथियार खत्म करने और सैन्य ढांचे को नष्ट करने का काम करेगा. इसका मकसद गाजा को सुरक्षित और शांतिपूर्ण बनाना है. डॉक्यूमेंट में कहा गया है कि अगर फिलिस्तीनी प्रशासन सुधार कार्यक्रम पूरा कर लेता है और गाजा का पुनर्विकास होता है तो फिलिस्तीन के लिए अपना राज्य बनाने का रास्ता आसान होगा. वहीं, अमेरिका गाजा और इजरायल के बीच संवाद भी स्थापित करेगा, ताकि दोनों तरफ के लोग शांति और समृद्धि के साथ रह सकें.
हमास ने किया प्रस्ताव का विरोध
हमास ने इस प्रस्ताव का विरोध किया है. उनका कहना है कि यह योजना फिलिस्तीनियों के अधिकारों और मांगों को पूरा नहीं करती. हमास का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय बल को गाजा में हथियारबंद समूहों को निष्क्रिय करने का काम देना इसे तटस्थ नहीं रहने देगा और यह संघर्ष में इजरायल के पक्ष में हो जाएगा.
ट्रंप ने किया स्वागत
राष्ट्रपति ट्रंप ने सुरक्षा परिषद के मतदान के बाद इसे बड़ी सफलता बताया. उन्होंने कहा कि यह विश्व कूटनीति में महत्वपूर्ण कदम है और उन्होंने उन देशों की तारीफ की जिन्होंने समर्थन किया. उन्होंने इसे संयुक्त राष्ट्र के इतिहास के सबसे बड़े अनुमोदनों में से एक बताया.
इजरायल ने दी प्रतिक्रिया
इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने फिलिस्तीन के राज्य बनाने के प्रस्ताव को अस्वीकार किया है. उन्होंने कहा कि गाजा की सैन्य शक्ति खत्म करने का काम किया जाएगा.
