रेलवे में निजीकरण पर पुनर्विचार करे सरकार, कर्मचारियों की समस्याओं पर दे ध्यान: शिव गोपाल मिश्रा | लखनऊ

ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन (एआईआरएफ) के महामंत्री शिव गोपाल मिश्रा ने रेलवे में लंबे समय से चली आ रही समस्याओं को लेकर सरकार से ठोस कदम उठाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि रेलवे में बड़ी संख्या में पद खाली पड़े हैं, जिन्हें जल्द भरा जाना जरूरी है। साथ ही निजीकरण और आउटसोर्सिंग की नीति पर रोक लगाकर कर्मचारियों की आवाज को गंभीरता से सुना जाना चाहिए।

रेलवे कर्मचारियों की प्रमुख मांगें

शिव गोपाल मिश्रा के अनुसार, वर्षों से रिक्त पदों के कारण कर्मचारियों पर अत्यधिक कार्यभार बढ़ गया है, जिससे न केवल उनकी कार्यक्षमता प्रभावित हो रही है बल्कि यात्रियों की सुरक्षा भी खतरे में पड़ सकती है। उन्होंने मांग की कि खाली पदों को शीघ्र भरा जाए, कार्य घंटों में संतुलन लाया जाए और महिला कर्मचारियों से जुड़े मुद्दों पर संवेदनशील नीति अपनाई जाए। इसके साथ ही आठवें वेतन आयोग में कर्मचारियों की अपेक्षाओं को प्राथमिकता देने की आवश्यकता है।

आउटसोर्सिंग और निजीकरण पर कड़ा विरोध

एआईआरएफ महामंत्री ने स्पष्ट कहा कि रेलवे में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों और सुरक्षा दोनों के लिहाज से उचित नहीं है। उन्होंने केंद्र सरकार से रेलवे के निजीकरण की योजना पर पूरी तरह विराम लगाने की अपील की। उनका कहना है कि रेलवे देश की जीवनरेखा है और इसे केवल लाभ-हानि के नजरिये से नहीं देखा जाना चाहिए।

आठवें वेतन आयोग को लेकर अपेक्षाएं

शिव गोपाल मिश्रा ने कहा कि सरकार आठवें वेतन आयोग को एक जनवरी से लागू करने की बात कर रही है, लेकिन अब तक कर्मचारियों की वास्तविक जरूरतों के अनुरूप कोई ठोस प्रावधान सामने नहीं आया है। उन्होंने जोर दिया कि बढ़ती महंगाई और कर्मचारियों की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए वेतन संरचना तय की जानी चाहिए।

महाधिवेशन में उठे अहम मुद्दे

उन्होंने जानकारी दी कि चारबाग रेलवे स्टेडियम में आयोजित एआईआरएफ के 101वें महाधिवेशन में हजारों रेलकर्मियों ने एकजुट होकर अपनी मांगें रखीं। इस दौरान नए श्रम कानूनों का विरोध, आउटसोर्सिंग और निजीकरण के खिलाफ प्रस्ताव पारित किए गए, साथ ही पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग को दोहराया गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *