“कृषि विश्वविद्यालय ने विकसित की नई बेल प्रजाति ‘नरेंद्र बेल-17’: प्रति हेक्टेयर 30-32 टन उत्पादन, किसानों को मिलेगा अधिक लाभ”


आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कुमारगंज ने बागवानी क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। विश्वविद्यालय के उद्यान एवं वानिकी महाविद्यालय ने बेल की नई प्रजाति ‘नरेंद्र बेल-17’ विकसित की है, जो उत्पादन, गुणवत्ता और वाणिज्यिक उपयोगिता के मामले में अन्य प्रजातियों से बेहतर है।

यह प्रजाति किसानों को प्रति हेक्टेयर लगभग 30 से 32 टन उत्पादन देने में सक्षम है। इसके फलों में रेशा कम होने के कारण शरबत, जूस और कैंडी जैसे उत्पाद बनाने में आसानी होगी।

‘नरेंद्र बेल-17’ को भारत सरकार द्वारा अधिसूचित किया गया है, जिससे इसकी खेती को बढ़ावा मिलेगा। एक हेक्टेयर में लगभग 156 पेड़ लगाए जा सकते हैं, और प्रत्येक पेड़ से 100-120 फल प्राप्त किए जा सकते हैं। फलों का वजन 1.5 से 2 किलोग्राम तक होता है।

उद्यान एवं वानिकी महाविद्यालय के फल विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. भानु प्रताप के अनुसार, यह बेल तेज़ी से बढ़ने वाली और मजबूत है। इसके हल्के चपटे फल आकर्षक दिखते हैं और पौधों को 8×8 मीटर की दूरी पर लगाकर किसानों को अच्छा मुनाफा हो सकता है। यह प्रजाति स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी मानी जाती है और बच्चों के लिए कैंडी बनाने में भी उपयोगी है।

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