सावन में गोरखपुर में बढ़ी मशरूम की मांग: 200 ग्राम पैक की कीमत 30 से बढ़कर 40 रुपये, रोजाना 10 टन तक पहुंची बिक्री – गोरखपुर न्यूज़

सावन के महीने की शुरुआत के साथ ही गोरखपुर में मशरूम की मांग में जबरदस्त उछाल देखा गया है। मांसाहार से परहेज करने वाले लोगों की पहली पसंद अब मशरूम बन गया है, जिसका असर बाजार में साफ नजर आ रहा है। जहां पहले 200 ग्राम मशरूम का पैकेट 30 रुपये में मिल रहा था, अब उसकी कीमत बढ़कर 40 रुपये हो गई है।
नॉनवेज से दूरी के चलते मशरूम की बिक्री में इजाफा
गोरखपुर और आस-पास के क्षेत्रों में मांसाहार काफी लोकप्रिय है, लेकिन सावन में धार्मिक परंपराओं के चलते लोग मांस और मछली से दूरी बना लेते हैं। इसका सीधा असर मीट दुकानों पर दिखा है, जहां ग्राहक कम हो गए हैं, जबकि दूसरी ओर मशरूम, कटहल और अन्य सब्जियों की बिक्री में तेजी आई है।
असुरन चौक के मशरूम विक्रेता संजय बताते हैं कि गोरखपुर में मशरूम की मुख्य आपूर्ति उत्तराखंड, पंजाब और हरियाणा से होती है। सामान्य दिनों में जहां 7 से 8 टन मशरूम बिकता था, वहीं अब यह आंकड़ा 10 टन प्रतिदिन तक पहुंच गया है। फुटकर विक्रेता अजय के मुताबिक, लोग मशरूम को नॉनवेज का हेल्दी विकल्प मानकर तेजी से अपना रहे हैं।
केवल प्रमाणित दुकानों से ही खरीदें मशरूम
विशेषज्ञों के अनुसार, मशरूम की लगभग 2000 प्रजातियां होती हैं, लेकिन केवल 25 ही खाने योग्य होती हैं। बाकी प्रजातियां जहरीली हो सकती हैं। ‘इंडियन फार्मर्स डाइजेस्ट’ के अनुसार, कुछ प्रजातियों में ‘एमानिटिन’ नामक ज़हर होता है, जो ‘डेथ कैप’ और ‘डेस्ट्रॉइंग एंजल’ जैसे मशरूमों में पाया जाता है और इसके सेवन से जानलेवा हादसे हो सकते हैं।
ताजगी का रखें ध्यान
डायटीशियन डॉ. अजय श्रीवास्तव के मुताबिक, केवल ताजा और सख्त मशरूम का सेवन करना ही सुरक्षित है। प्लास्टिक में रखने से मशरूम जल्दी खराब हो जाता है, इसलिए तोड़ने के 48 घंटे के भीतर इसका सेवन कर लेना चाहिए। जंगल या खेतों में अपने आप उगने वाले मशरूम खाने से बचना चाहिए, क्योंकि उनमें जहरीले होने की संभावना अधिक होती है।