केरल: हर साल घरों में हो रहे 500 से ज्यादा बच्चों के जन्म, डॉक्टरों ने सुरक्षा कारणों से सख्त कानून बनाने की उठाई मांग।

केरल: हर साल घरों में हो रहे 500 से ज्यादा बच्चों के जन्म, डॉक्टरों ने सुरक्षा कारणों से सख्त कानून बनाने की उठाई मांग।
केरल: हर साल घरों में हो रहे 500 से ज्यादा बच्चों के जन्म, डॉक्टरों ने सुरक्षा कारणों से सख्त कानून बनाने की उठाई मांग।

केरल में घर पर प्रसव को लेकर बढ़ी चिंता, डॉक्टरों ने सख्त कानून की मांग की

केरल में घर पर प्रसव कराने की बढ़ती घटनाओं ने चिकित्सा समुदाय को चिंतित कर दिया है। हाल ही में मलप्पुरम जिले में एक महिला की प्रसव के दौरान मौत के बाद यह मुद्दा फिर चर्चा में आ गया है। केरल गवर्नमेंट मेडिकल ऑफिसर्स एसोसिएशन (KGMOA) ने इस पर नाराजगी जताते हुए कहा कि ऐसे खतरनाक और अवैज्ञानिक तरीकों पर रोक लगाने के लिए कड़े कानून की आवश्यकता है।

35 वर्षीय महिला की मौत अत्यधिक रक्तस्राव की वजह से हुई थी जब वह किराए के मकान में बच्चे को जन्म देने की कोशिश कर रही थी। डॉक्टरों का मानना है कि ऐसी घटनाएं न केवल अवैज्ञानिक हैं, बल्कि जीवन के लिए बेहद खतरनाक भी हैं।

“आधुनिक युग में यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण”

KGMOA ने कहा, “आज के तकनीकी युग में भी अगर लोग बिना चिकित्सा सुविधा के घर पर प्रसव कराते हैं, तो यह बेहद चिंताजनक है। यह वैज्ञानिक सोच के खिलाफ है और इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।” संगठन ने जोर देकर कहा कि ऐसी लापरवाही के खिलाफ सख्त कानूनी कदम उठाए जाने चाहिए।

“हर नागरिक को मिले बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं”

संघ ने यह भी कहा कि केरल ने मातृ और शिशु मृत्यु दर को काफी हद तक नियंत्रित कर विश्व स्तर पर एक मिसाल कायम की है। लेकिन कुछ लोगों की लापरवाही या अंधविश्वास के चलते ये उपलब्धियां प्रभावित हो रही हैं। “जनता को जो स्वास्थ्य सेवाएं मिलनी चाहिए, वह उनका अधिकार है। किसी के निजी विचार या फैसले की वजह से इस अधिकार से उन्हें वंचित नहीं किया जा सकता।”

हर साल होते हैं करीब 500 घर पर प्रसव

KGMOA ने बताया कि राज्य में हर साल लगभग तीन लाख प्रसव होते हैं, जिनमें से 500 से अधिक अब भी घरों में कराए जाते हैं। इसके पीछे मुख्य वजह पुराने, अवैज्ञानिक और बिना किसी प्रमाण के इलाज पद्धतियों की ओर लोगों का रुझान है। “प्रसव के दौरान सही मेडिकल सहायता देना हर नवजात का अधिकार है। इसकी अनदेखी किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं की जानी चाहिए।”

स्वास्थ्य मंत्री की चेतावनी

राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने मलप्पुरम की घटना के बाद घर पर प्रसव को बढ़ावा देने वालों को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मृत महिला के पति को गैर इरादतन हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।

मंत्री ने जानकारी दी कि 2025 में अब तक राज्य में करीब दो लाख प्रसव हुए हैं, जिनमें से 382 प्रसव घरों में हुए हैं। उन्होंने कहा, “हम घर पर प्रसव को किसी भी रूप में प्रोत्साहित नहीं करते। यह एक खतरनाक प्रवृत्ति है जिसे रोकना बेहद जरूरी है।”

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