खेलो इंडिया विश्वविद्यालय में कानपुर की बेटी का हुआ सिलेक्शन : चंचल ने मुफलिसी में भी उत्साह नहीं छोड़ा;सैनिक बनना चाहते हैं

”परिवार में कोई भी वर्दी वाला नहीं है, जब मैं छोटी थी तब से मेरी मां का सपना था कि मैं फौज में जाऊं। उनके सपने को पूरा करने के लिए मैंने भी ठान लिया है। मुझे पता चला कि खेलों के माध्यम से भी लोग फौज में शामिल होते हैं, तो मैंने सोचा, क्यों ना खेल को भी अपना लूं। बस यही सोचकर ही मैं एथलेटिक्स में आ गई।” यह कहना है खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी में सिलेक्शन होने वाली चंचल सिंह का।

चंचल सिंह के घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। इसके बावजूद उन्होंने अपने हौसले से कई प्रतियोगिताओं में बेहतरीन प्रदर्शन किया।

ऐसे हुआ खेलो इंडिया के लिए चयन

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