कृषि विज्ञान केंद्र की सलाह है कि मानसून के मौसम में वर्षा को कम किया जा सकता है और सिंचाई के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जानी चाहिए।


मानसून में कम बारिश की संभावना
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बरेली संभाग में पश्चिमी विक्षोभ के हावी होने से मई में गर्मी से राहत तो मिलती है, लेकिन आने वाले दिनों में गर्मी और बढ़ने की उम्मीद है. मानसून में भी कम बारिश की संभावना है। इसे देखते हुए कृषि विज्ञान केंद्र की ओर से किसानों के लिए एडवाइजरी जारी की गई है, ताकि कम बारिश की स्थिति में भी फसल उत्पादन प्रभावित न हो. सरकार द्वारा चलाई जा रही फसल बीमा योजना में पंजीकरण कराने का सुझाव दिया गया है।
वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ. रंजीत सिंह का कहना है कि इस बार भी मानसून सामान्य से कम रहने की उम्मीद है। पिछले साल बड़ी संख्या में किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ा था। इसलिए पूर्वानुमान को ध्यान में रखते हुए पहले से तैयारी बहुत जरूरी है। उन्होंने खेत के चारों तरफ ऊंचा बांध बनाने को कहा है, ताकि पानी खेत से बाहर न जाए.
भूमिगत नमी बनाए रखें। कम पानी में तैयार होने वाली फसलों का चुनाव करें। इसमें उड़द, अरहर, मूंग, तिल, ज्वार, बाजरा, मक्का आदि दलहनी फसलें बोई जा सकती हैं। स्प्रिंकलर, ड्रिप आदि विधियों से फसल की सिंचाई करने को कहा।