लालकृष्ण आडवाणी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होंगे: VHP अध्यक्ष ने बताया कि स्वास्थ्य कारणों से पहले न जाने की खबरें थीं।
विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने 19 दिसंबर को लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी को प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने का न्योता दिया था।
अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में बीजेपी के सीनियर नेता लाल कृष्ण आडवाणी भी शामिल होंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने इसकी जानकारी दी है। इससे पहले खबरें आ रही थीं कि उम्र हो जाने की वजह से आडवाणी की तबीयत खराब रहती है, इसलिए वे कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे।
विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने 19 दिसंबर को लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी को प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने का न्योता दिया था। राम मंदिर के अग्रणी नेताओं में शामिल रहे आडवाणी और जोशी ने कहा कि वह समारोह में आने का पूरा प्रयास करेंगे।
इससे एक दिन पहले चंपत राय ने सोमवार (18 दिसंबर) को लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी से आग्रह किया था कि वे जनवरी में होने वाले प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के लिए अयोध्या न आएं।उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं की उम्र काफी ज्यादा हो चुकी है। यहां ठंड भी ज्यादा है। इसलिए मैंने दोनों से निवेदन किया है कि समारोह में न आएं।
ट्रस्ट ने कहा कि दोनों वरिष्ठ हैं और उनकी उम्र को देखते हुए उनसे यह अनुरोध किया गया था, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया है। लालकृष्ण आडवाणी 96 साल के हैं और मुरली मनोहर जोशी जनवरी में 90 साल के हो जाएंगे।
उधर, कांग्रेस ने 10 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा में जाने से इनकार कर दिया। सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, अधीर रंजन समेत सभी कांग्रेस नेता इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे। कांग्रेस ने कहा है कि ये कार्यक्रम भाजपा ने राजनीतिक लाभ के लिए आयोजित किया है।
कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर जनरल सेक्रेटरी (कम्युनिकेशंस) जयराम रमेश के हवाले के ये लेटर जारी कर राम मंदिर में जाने का निमंत्रण ठुकराने का कारण बताया है।
कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर एक लेटर शेयर किया है, जिसमें उसने राम मंदिर के उद्घाटन में न जाने के फैसले का कारण बताया है। इसमें कांग्रेस ने लिखा है कि धर्म निजी मामला है, लेकिन BJP/RSS ने मंदिर के उद्घाटन कार्यक्रम को अपना इवेंट बना लिया है।
इस फैसले पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस ने कुछ नया नहीं किया। वे हमेशा से भगवान राम का विरोध करते आए हैं और सनातन को अपमान करने की कोशिश करते रहे हैं। उन्होंने कई मौकों पर भगवान राम के अस्तित्व को भी नकारा है। अगर उन्होंने राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को बॉयकॉट करने का फैसला लिया है तो देश की जनता आगामी लोकसभा चुनाव में उन्हें बॉयकॉट करेगी।
पढ़ें कांग्रेस का पूरा बयान….
पिछले महीने कांग्रेस प्रेसिडेंट और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस पार्लियामेंट्री पार्टी की चेयरपर्सन सोनिया गांधी और लोकसभा में कांग्रेस पार्टी के लीडर अधीर रंजन चौधरी को राम मंदिर के उद्घाटन समारोह में शामिल होने का निमंत्रण मिला था। भगवान राम हमारे देश के करोड़ों लोगों के पूजनीय हैं। धर्म एक निजी मामला है। लेकिन भाजपा/RSS ने अयोध्या के मंदिर को एक पॉलिटिकल प्रोजेक्ट बना दिया है। भाजपा और आरएसएस के नेताओं की तरफ से अधूरे मंदिर का उद्घाटन जाहिर तौर पर चुनाव में फायदा पाने के लिए किया जा रहा है। लिहाजा सुप्रीम कोर्ट के 2019 के फैसले का पालन करते हुए और उन करोड़ों लोगों की आस्था का सम्मान करते हुए मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी और अधीर रंजन चौधरी ने भाजपा/RSS के इस इवेंट का निमंत्रण ससम्मान ठुकरा दिया है।
भाजपा नेताओं ने कांग्रेस पर हमला बोला
भाजपा नेता नलिन कोहली: कांग्रेस ने पिछले कुछ दशकों में राम मंदिर के लिए कोई कदम नहीं उठाया। उन्होंने भगवान राम के अस्तित्व को नकार दिया और सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई में देरी की। इसलिए, कांग्रेस पार्टी का आधिकारिक तौर पर यह कहना कि वह राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में शामिल नहीं होगी, इसमें कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए।
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी: पहले कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में दस्तावेज दाखिल करके भगवान राम के अस्तित्व को नकार दिया था और अब उन्होंने प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण ठुकराया है। कांग्रेस की अगुआई में I.N.D.I.A गुट के नेताओं ने हमेशा ही सनातन धर्म का विरोध किया है। निमंत्रण ठुकराना सनातन के लिए उनकी नफरत दिखाता है।
स्मृति ईरानी ने पटना में कहा कि कांग्रेस की अगुआई में I.N.D.I.A गुट के नेताओं ने हमेशा ही सनातन धर्म का विरोध किया है।
कार्यक्रम में करीब 25 लाख लोगों के शामिल होने की उम्मीद
अयोध्या में बन रहे राम मंदिर में 22 जनवरी को दोपहर 12:30 बजे रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित 6000 दिग्गज शामिल होंगे, जिनमें 4000 संत और करीब 2200 मेहमान हैं। इस दौरान छह दर्शनों (प्राचीन विद्यालयों) के शंकराचार्य और करीब 150 साधु-संत भी मौजूद रहेंगे। कार्यक्रम में करीब 25 लाख लोग शामिल हो सकते हैं।
पीएम मोदी को 25 अक्टूबर 2023 को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने राम मंदिर उद्घाटन कार्यक्रम का निमंत्रण दिया था।
निमंत्राण पाकर PM बोले- कार्यक्रम में शामिल होना मेरा सौभाग्य
प्रधानमंत्री ने एक्स पर लिखा, ‘जय सियाराम! आज का दिन बहुत भावनाओं से भरा हुआ है। अभी श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पदाधिकारी मुझसे मेरे निवास स्थान पर मिलने आए थे। उन्होंने मुझे श्रीराम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा के अवसर पर अयोध्या आने के लिए निमंत्रित किया है। मैं खुद को बहुत धन्य महसूस कर रहा हूं। ये मेरा सौभाग्य है कि अपने जीवनकाल में, मैं इस ऐतिहासिक अवसर का साक्षी बनूंगा।’
7 दिन तक चलेगा प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम
अयोध्या के राम मंदिर में 22 जनवरी को रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम होगा। मंदिर के अधिकारियों के मुताबिक अभिषेक समारोह 16 जनवरी से शुरू होकर सात दिनों तक चलेगा।
- 16 जनवरी: मंदिर ट्रस्ट, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की तरफ से नियुक्त किए गए यजमान प्रायश्चित समारोह की शुरुआत करेंगे। सरयू नदी के तट पर ‘दशविध’ स्नान, विष्णु पूजा और गायों को प्रसाद दिया जाएगा।
- 17 जनवरी: 5 साल के रामलला की मूर्ति के साथ एक काफिला अयोध्या पहुंचेगा। श्रद्धालु मंगल कलश में सरयू नदी का जल लेकर राम जन्मभूमि मंदिर आएंगे।
- 18 जनवरी: गणेश अंबिका पूजा, वरुण पूजा, मातृका पूजा, ब्राह्मण वरण और वास्तु पूजा के साथ औपचारिक अनुष्ठान शुरू होंगे।
- 19 जनवरी: पवित्र अग्नि जलाई जाएगी। इसके बाद नवग्रह की स्थापना और हवन किया जाएगा।
- 20 जनवरी: राम जन्मभूमि मंदिर के गर्भगृह को सरयू जल से धोया जाएगा, जिसके बाद वास्तु शांति और ‘अन्नाधिवास’ अनुष्ठान होगा।
- 21 जनवरी: रामलला की मूर्ति को 125 कलशों के जल से स्नान कराया जाएगा।
- 22 जनवरी: सुबह की पूजा के बाद दोपहर में ‘मृगशिरा नक्षत्र’ में रामलला के मूर्ति का अभिषेक किया जाएगा।
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में ममता भी शामिल नहीं होंगी; नीतीश कुमार, लालू यादव के भी न जाने का कयास
ममता बनर्जी ने 9 जनवरी को कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन करके भाजपा वोट जुटाने की चाल चल रही है।
रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में ममता बनर्जी शामिल नहीं होंगी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, तृणमूल कांग्रेस (TMC) की ओर से कार्यक्रम में कोई शिरकत नहीं करेगा। हालांकि, TMC की ओर से आधिकारिक तौर इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है।
चर्चा है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे। उनके अलावा CPI (M) के महासचिव सीताराम येचुरी भी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण ठुकरा चुके हैं। उन्होंने कहा- धर्म व्यक्तिगत पसंद है, जिसे राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा निमंत्रण पत्र की पहली झलक:निमंत्रण पत्र के बॉक्स में हैं 5 चीजें, इनमें पूजित अक्षत और बाल राम की तस्वीर भी
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट देशभर से विशिष्ट अतिथियों को आमंत्रित कर रहा है। इसके लिए विशेष प्रकार का निमंत्रण पत्र तैयार किया गया। कार्ड के कवर पर प्रभु राम के बाल स्वरूप की तस्वीर है और अंत में श्रीराम मंदिर की यात्रा का सारांश दिया गया है।
निमंत्रण पत्र को बेहद पेशेवर तरीके से डिजाइन किया गया है। इसमें धार्मिक अनुष्ठानों का ब्योरा तो है ही, हर अतिथि का QR कोड भी तय है। आने के समय, गाड़ी के लिए तय पार्किंग की जगह और प्राण प्रतिष्ठा की अवधि शामिल है।