नेवी और DRDO की बड़ी सफलता: हेलीकॉप्टर से दागी गई मिसाइल ने लक्ष्य को सटीकता से भेदा!


DRDO और भारतीय नौसेना की बड़ी उपलब्धि: नौसेना एंटी-शिप मिसाइल (NASM-SR) का सफल परीक्षण
नई दिल्ली: रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और भारतीय नौसेना ने 25 फरवरी 2025 को एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की। उन्होंने चांदीपुर परीक्षण क्षेत्र से पहली नौसेना एंटी-शिप मिसाइल (NASM-SR) का सफल परीक्षण किया। इस परीक्षण में मिसाइल को भारतीय नौसेना के सीकिंग हेलीकॉप्टर से लॉन्च किया गया, जिसने समुद्र में स्थित जहाजों को सटीकता से भेदा। मिसाइल में ‘मैन-इन-लूप’ फीचर भी शामिल था, जिससे पायलट इसे नियंत्रित कर सकता था।
सटीक निशाना साधकर सफल परीक्षण
टेस्टिंग के दौरान मिसाइल ने अपनी अधिकतम सीमा से एक छोटे जहाज को सटीक रूप से निशाना बनाया। यह विशेष इमेजिंग इंफ्रारेड सीकर तकनीक से लैस है, जिससे यह लक्ष्य की तस्वीरें कैप्चर कर पायलट तक भेज सकती है। इसके अलावा, मिसाइल में दो-तरफा डेटा लिंक सिस्टम मौजूद है, जो उड़ान के दौरान पायलट को लक्ष्य बदलने की सुविधा देता है। इस परीक्षण में पहले मिसाइल ने एक बड़े लक्ष्य को लॉक किया, लेकिन बाद में पायलट ने छोटे लक्ष्य को चुना, जिसे मिसाइल ने सफलतापूर्वक भेदा।
स्वदेशी तकनीकों का उपयोग
इस मिसाइल में कई स्वदेशी तकनीकों का इस्तेमाल किया गया है, जिनमें फाइबर ऑप्टिक जाइरोस्कोप-आधारित INS, रेडियो अल्टीमीटर, और एडवांस्ड एवियोनिक्स मॉड्यूल शामिल हैं, जो दिशा और ऊंचाई को नियंत्रित करते हैं। इसके अलावा, इसमें इलेक्ट्रो-मैकेनिकल एक्ट्यूएटर्स, थर्मल बैटरी और PCB वारहेड जैसी महत्वपूर्ण क्षमताएं जोड़ी गई हैं, जिससे इसकी प्रभावशीलता बढ़ जाती है। मिसाइल ठोस प्रणोदन प्रणाली पर आधारित है, जिसमें इन-लाइन इजेक्टेबल बूस्टर और लॉन्ग-बर्न सस्टेनर शामिल हैं।
मिसाइल निर्माण में कई संस्थानों का सहयोग
इस अत्याधुनिक मिसाइल को DRDO की विभिन्न प्रयोगशालाओं, जैसे अनुसंधान केंद्र इमारत, रक्षा अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशाला, उच्च ऊर्जा सामग्री अनुसंधान प्रयोगशाला और टर्मिनल बैलिस्टिक्स अनुसंधान प्रयोगशाला द्वारा विकसित किया गया है। इसके निर्माण में MSME, स्टार्ट-अप्स और इंडस्ट्री पार्टनर्स की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस सफलता के लिए DRDO, भारतीय नौसेना और उद्योग जगत को बधाई दी। वहीं, DRDO के अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत ने भी इस उपलब्धि पर पूरी टीम को सराहा और इसे आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक बड़ा कदम बताया।