चित्रकूट में भाद्रपद अमावस्या पर आस्था का सैलाब: मंदाकिनी नदी में करीब 20 लाख श्रद्धालुओं ने किया पवित्र स्नान

चित्रकूट में भाद्रपद अमावस्या के अवसर पर भारी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। अनुमान है कि करीब 20 लाख लोगों ने मंदाकिनी नदी में स्नान कर धर्मलाभ लिया। इस दौरान उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश प्रशासन की ओर से कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई।
वरिष्ठ अधिकारी लगातार परिक्रमा मार्ग का निरीक्षण कर व्यवस्था का जायजा लेते रहे। धार्मिक गुरुओं के अनुसार हिंदू मान्यताओं में अमावस्या का विशेष महत्व है और यह तिथि पितरों को समर्पित मानी जाती है।
इस वर्ष भाद्रपद अमावस्या 23 अगस्त को पड़ी, जिसे कुशग्रहणी अमावस्या या पिठोरी अमावस्या भी कहा जाता है। चूंकि यह शनिवार के दिन पड़ी, इसलिए इसे शनिश्चरी अमावस्या भी कहा गया।
श्रद्धालुओं ने इस दिन पितरों के तर्पण, श्राद्ध और दान-पुण्य जैसे कर्मकांड किए। मान्यता है कि इस अवसर पर शनिदेव और पितरों की पूजा करने से शनि दोष से मुक्ति मिलती है और पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। धार्मिक परंपराओं में भाद्रपद और दीपावली की अमावस्या को विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना गया है।