श्रीनगर से दिल्ली की उड़ान के दौरान पायलट का हुआ निधन, एयर इंडिया एक्सप्रेस ने जारी किया आधिकारिक बयान।


दिल्ली एयरपोर्ट पर पायलट की मौत, एयर इंडिया एक्सप्रेस ने जताया शोक
नई दिल्ली: एयर इंडिया एक्सप्रेस के एक पायलट का बुधवार को दिल्ली एयरपोर्ट पर प्लेन लैंड कराने के कुछ समय बाद निधन हो गया। जानकारी के अनुसार, उन्होंने श्रीनगर से उड़ान भरी थी और दिल्ली पहुंचने के बाद उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई। बताया जा रहा है कि उनकी उम्र लगभग 35 से 40 वर्ष के बीच थी।
लैंडिंग के तुरंत बाद उन्होंने अस्वस्थ महसूस होने की बात कही, जिसके बाद उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया। लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस घटना से एविएशन इंडस्ट्री में शोक की लहर है।
एयरलाइन का बयान: हर संभव सहायता देंगे
एयर इंडिया एक्सप्रेस के प्रवक्ता ने गुरुवार को जारी बयान में कहा, “हमने अपने एक बहुमूल्य सहकर्मी को स्वास्थ्य संबंधी कारणों से खो दिया है, जिससे हम बेहद दुखी हैं। हम उनके परिवार को हर जरूरी सहायता दे रहे हैं और इस कठिन समय में उनके साथ खड़े हैं।” उन्होंने सभी से अपील की कि मृतक की निजता का सम्मान करें और किसी भी तरह की अटकलों से बचें।
पायलटों के स्वास्थ्य को लेकर फिर उठे सवाल
यह घटना पायलटों की कार्य स्थिति और स्वास्थ्य को लेकर एक बार फिर सवाल खड़े करती है। फरवरी 2024 में दिल्ली हाई कोर्ट ने DGCA को निर्देश दिया था कि वह पायलटों के लिए ड्यूटी और विश्राम के नए नियमों को 1 जुलाई 2025 से लागू करना शुरू करे। अदालत को बताया गया था कि इन नियमों के तहत कुल 22 में से 15 बिंदुओं को जुलाई 2025 से और बाकी को नवंबर तक लागू किया जाएगा।
नए नियमों से कैसे बदलेगी पायलटों की स्थिति?
DGCA द्वारा संशोधित Civil Aviation Requirement (CAR) नियमों का उद्देश्य पायलटों की थकान को कम करना और विमान सुरक्षा को बेहतर बनाना है। इनमें प्रमुख बदलाव इस प्रकार हैं:
साप्ताहिक विश्राम: अब 36 घंटे की बजाय पायलटों को 48 घंटे का वीकली रेस्ट मिलेगा, जिसमें दो स्थानीय रातें शामिल होंगी।
रात की ड्यूटी: रात की ड्यूटी की परिभाषा अब मध्यरात्रि से सुबह 6 बजे तक की गई है। रात की उड़ानों की संख्या घटाकर 2 कर दी गई है।
लगातार रात की ड्यूटी पर रोक: पायलट अब लगातार दो से ज्यादा रात की शिफ्ट में काम नहीं करेंगे।
लंबी उड़ानों के बाद विश्राम: अल्ट्रा-लॉन्ग-हॉल फ्लाइट्स के बाद कम से कम 120 से 144 घंटे तक आराम मिलेगा।
थकान रिपोर्टिंग सिस्टम: पायलटों द्वारा थकान की शिकायतों का रिकार्ड और विश्लेषण DGCA को सौंपना होगा।
रोस्टर की पारदर्शिता: एयरलाइंस को फ्लाइट रोस्टर पहले से जारी करने होंगे, जिससे पायलट अपनी निजी योजनाएं बना सकें।
हालांकि पायलटों की कुछ मांगे, जैसे “डेड-हेडिंग” (यात्रा के दौरान बिना उड़ान संचालन के समय को भी ड्यूटी में शामिल करना), अभी भी पूरी नहीं हो पाई हैं।