Gyanvapi मामला: मंदिर को 1669 में ध्वस्त कर दिया गया..विवाद था 355 वर्ष का । दो वर्ष और 152 दिन की सुनवाई, पूरी कहानी

ज्ञानवापी का विवाद 355 वर्षों से चल रहा है। हिंदू पक्ष का दावा है कि ज्ञानवापी मंदिर को 1669 में ध्वस्त किया गया, फिर मंदिर के पिलर और ढांचे पर मस्जिद बनाई गई। इसी मामले में 33 वर्ष से मुकदमेबाजी भी चल रही है।

ज्ञानवापी को लेकर पहला मुकदमा 1991 में लॉर्ड विश्वेश्वरनाथ मामले में दाखिल हुआ था। हालांकि एएसआई से सर्वे का आदेश और सर्वे रिपोर्ट पक्षकारों को देने का आदेश मां शृंगार गौरी केस में आया है।

महिला वादिनी राखी सिंह, सीता साहू, रेखा पाठक, मंजू व्यास और लक्ष्मी देवी ने सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में 17 अगस्त 2021 को दाखिल करके परिसर के सर्वे का आदेश देने का अनुरोध किया था।

बाद में मामला जिला जज डॉ अजय कृष्ण विश्वेश्वर की अदालत में आया। यानी 2 साल 152 दिन तक मामले की सुनवाई चली। मामले में एएसआई से सर्वे कराने का आदेश हुआ। सर्वे हुआ और रिपोर्ट अदालत में दाखिल की गई। अदालत ने सर्वे रिपोर्ट पक्षकारों को देने का आदेश दिया। 25 जनवरी 2024 को पक्षकारों ने सर्वे रिपोर्ट सार्वजनिक कर दी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *