फूलों की खुशबू से महका अयोध्या का रंगमहल मंदिर: एकादशी पर सजी झूलन झांकी में विराजे श्रीसीताराम – अयोध्या समाचार

अयोध्या का ऐतिहासिक रंगमहल मंदिर सावन कृष्ण पक्ष की एकादशी पर भक्ति और भव्यता से सराबोर रहा। मंदिर को बेला, गुलाब और रजनीगंधा जैसे सुगंधित फूलों से सजाया गया, और झूलन झांकी में श्रीराम, सीता, लक्ष्मण, उर्मिला, भरत-मांडवी व शत्रुघ्न-श्रुतिकीर्ति की भव्य प्रस्तुति हुई। यह उत्सव रात 8 बजे से आरंभ होकर मध्यरात्रि तक चला। रंगमहल को प्रकाश से जगमगाया गया, जिससे पूरे माहौल में उत्सव की गरिमा और भी बढ़ गई।
इस अवसर पर मणिराम दास छावनी के उत्तराधिकारी महंत कमलनयन दास शास्त्री, श्रीरामवल्लभाकुंज के स्वामी राजकुमार दास, दशरथ महल, लक्ष्मण किला, हनुमत निवास, वामन मंदिर, गहोई मंदिर और रंगवाटिका के महंतगण, श्रीराम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्रा, मंडलायुक्त गौरव दयाल, विधायक वेद गुप्ता, महापौर महंत गिरीशपति तिवारी, आरटीओ ऋतु सिंह सहित कई श्रद्धालु और संत-महंत शामिल हुए।
रंगमहल के महंत रामशरण दास ने अतिथियों का स्वागत करते हुए मंदिर की परंपरा और इतिहास से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि वर्तमान भवन का निर्माण स्वामी सरयू सखी ने कराया था, और तभी से पूरे सावन मास में झूलन उत्सव की परंपरा चली आ रही है।
महंत ने बताया कि सावन शुक्ल पक्ष की एकादशी को रंगमहल में ‘गलबहियां’ झांकी होती है, जिसमें श्रीराम और श्रीसीता एक-दूसरे के गले में हाथ डालकर झूला झूलते हैं। यह झांकी वर्ष में केवल एक बार ही होती है और भक्तों के लिए अत्यंत विशेष मानी जाती है।
पुजारी साकेत शरण ने बताया कि इस दिव्य दर्शन के लिए अयोध्या और अन्य तीर्थस्थलों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। झांकी के दर्शन एकादशी की रात 8 बजे से शुरू होते हैं, और भक्तों को श्रीराम रसिक परंपरा की अद्भुत झलक देखने को मिलती है।