अखिलेश यादव ने नेताओं को झांसी की हार का कारण पूछा।: लोकसभा चुनाव के बाद पहली बार एक समीक्षा बैठक में दो नेताओं को हड़काया गया
लोकसभा चुनाव में झांसी-ललितपुर सीट पर इंडिया गठबंधन को मिली हार के बाद पहली बार सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने समीक्षा बैठक की।
लोकसभा चुनाव में झांसी-ललितपुर सीट पर इंडिया गठबंधन को मिली हार के बाद पहली बार सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने समीक्षा बैठक की। संसदीय क्षेत्र के पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक कर चुनाव परिणाम की समीक्षा की। नेताओं से पूछा- मजबूत स्थिति होने के बावजूद
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अखिलेश ने पार्टी के कुछ नेताओं को हड़काया भी है। एक पदाधिकारी ने खड़े होकर स्थानीय कद्दावर नेता को संगठन की जिम्मेदारी देने की बात कही तो सपा सुप्रीमो भड़क गए। उनको बैठने की हिदायत देते हुए कहा कि ये काम पार्टी का है। वहीं, एक नेता ने अखिलेश यादव से कहा कि वह अगला विधानसभा चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं।
साढ़े तीन घंटे चली मीटिंग, एक-एक बूथ का जाना हाल
लोकसभा चुनाव में बुंदेलखंड की 4 सीटों में से 3 पर इंडिया गठबंधन ने जीत हासिल की है। केवल झांसी-ललितपुर संसदीय क्षेत्र में ही हार का सामना करना पड़ा था। जबकि, इस सीट पर जीत को लेकर गठबंधन के नेता आश्वस्त थे। चुनाव परिणाम आने के 3 महीने बाद अखिलेश यादव ने झांसी-ललितपुर संसदीय क्षेत्र के पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक की। इसमें बूथवार गठबंधन प्रत्याशी को मिले वोटों का हाल जाना गया।
जिन बूथों पर हार हुई, उसकी वजह पदाधिकारियों से जानी। साथ ही जातिगत समीकरणों की भी जानकारी ली। अखिलेश ने निर्देश दिए कि जिन बूथों पर लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा, वहां पार्टी पदाधिकारी अपनी पैठ बढ़ाएं। खासतौर पर जिन बूथों पर जिस जाति के मतदाताओं का प्रभाव हो, वहां उसी जाति के पार्टी पदाधिकारियों को संगठन मजबूत करने की जिम्मेदारी सौंपी जाए। समीक्षा बैठक लगभग साढ़े तीन घंटे तक चली।
मीटिंग में नेता को बैठाया
बैठक के दौरान अखिलेश ने पार्टी के कुछ पदाधिकारियों के पेच भी कसे। एक पदाधिकारी ने पार्टी के एक स्थानीय बड़े नेताओं को संगठन की जिम्मेदारी सौंपने की बात कही। इस पर अखिलेश भड़क गए। उन्होंने दो टूक लहजे में कह दिया कि यह तय करना पार्टी का काम है। यहां तक कि अपनी बात रखने के लिए खड़े हुए नेता को अखिलेश ने तल्खी दिखाते हुए बैठा दिया।
बैठक में झांसी से पूर्व सांसद चंद्रपाल सिंह यादव, पूर्व विधायक दीपनारायण सिंह यादव, जिलाध्यक्ष बृजेंद्र यादव, महानगर अध्यक्ष तनवीर आलम, संत सिंह सेरसा, अस्फान सिद्दीकी, सीताराम कुशवाहा, महेश कश्यप, चंद्रप्रकाश मिश्रा, जगमोहन यादव आदि समेत कई पदाधिकारी मौजूद रहे।