Tuesday, December 5, 2023
Homeउत्‍तर प्रदेशमुजफ्फरनगर में छात्र को थप्पड़ मारने का मामला | मुस्लिम छात्र की...

मुजफ्फरनगर में छात्र को थप्पड़ मारने का मामला | मुस्लिम छात्र की काउंसलिंग को लेकर योगी सरकार को सुप्रीम कोर्ट की फटकार, 11 दिसंबर तक रिपोर्ट सौंपने का आदेश.

 

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शुक्रवार को मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) में सहपाठियों द्वारा थप्पड़ मारे गए मुस्लिम छात्र (Muslim Student) को काउंसलिंग प्रदान नहीं करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को फटकार लगाई। कोर्ट ने उसके आदेश का पालन नहीं करने को लेकर असंतोष व्यक्त किया। साथ ही छात्र की काउंसलिंग के लिए टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (TISS) को नियुक्त किया।

न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की पीठ ने राज्य के स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव को किसी भी कड़ी कार्रवाई से बचने के लिए अगली सुनवाई के दौरान व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहने का निर्देश दिया है। इसके अलावा 11 दिसंबर तक रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने पीड़ित मुस्लिम बच्चे और उसके सहपाठियों की काउंसलिंग के तरीके और तरीके का सुझाव देने के लिए टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टीआईएसएस), मुंबई को नियुक्त किया। दोनों पक्षों के वकीलों को सुनने के बाद, पीठ ने कहा, “हमारा मानना है कि उत्तर प्रदेश सरकार और विशेष रूप से शिक्षा विभाग ने समय-समय पर इस अदालत द्वारा पारित विभिन्न आदेशों का पालन नहीं किया है। पीड़ित बच्चे और घटना में शामिल अन्य बच्चों की उचित काउंसलिंग नहीं की गई।”

TISS की देखरेख में होगी बच्चे की काउंसलिंग

पीठ ने कहा, “कम से कम कहें तो, बच्चों को परामर्श प्रदान करने के संबंध में दायर हलफनामे से पता चलता है कि राज्य सरकार का दृष्टिकोण चौंकाने वाला है। इसलिए हम बच्चे और अन्य बच्चों को परामर्श देने के तरीके और तरीके का सुझाव देने के लिए टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज, मुंबई को नियुक्त करते हैं। TISS राज्य में उपलब्ध विशेषज्ञ बाल परामर्शदाताओं के नाम भी सुझाएगा जो TISS की देखरेख में काउंसलिंग का विस्तार कर सकते हैं।” कोर्ट ने यूपी सरकार को TISS को सभी बुनियादी ढांचागत सहायता और समर्थन प्रदान करने का निर्देश दिया और सुनवाई की अगली तारीख 11 दिसंबर से पहले एक रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया। पीठ ने कहा, “हम शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव को अदालत की किसी भी कड़ी कार्रवाई से बचने के लिए व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहने का निर्देश देते हैं। हमें उम्मीद है कि वह व्यक्तिगत रूप से मामले को देखेंगे और देखेंगे कि निर्देशों का अनुपालन किया जाए।”

शिक्षिका के आदेश पर बच्चे को जड़े थप्पड़

गौरतलब है कि हालही में मुजफ्फरनगर के स्कूल में शिक्षिका के आदेश पर एक मुस्लिम बच्चे को दूसरे बच्चों से थप्पड़ जड़ने का वीडियो सामने आया था। जिसके बाद काफी बवाल मचा था। कथित तौर पर स्कूल की शिक्षित ने होमवर्क पूरा नहीं करने पर अन्य बच्चों को मुस्लिम बच्चे को थप्पड़ मारने का निर्देश दिया था। इस मामले में शिक्षिका पर पीड़ित छात्र पर सांप्रदायिक टिप्पणी करने का आरोप लगा है। मुजफ्फरनगर पुलिस ने शिक्षिका के खिलाफ मामला दर्ज किया था। स्कूल को राज्य के शिक्षा विभाग द्वारा एक नोटिस भी दिया गया था।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 6 नवंबर को उत्तर प्रदेश सरकार से मुस्लिम छात्र को एक निजी स्कूल में प्रवेश की सुविधा देने को कहा था। इस दौरान कोर्ट महात्मा गांधी के परपोते तुषार गांधी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें मामले में शीघ्र जांच की मांग की गई थी।

 

spot_img
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -spot_imgspot_img

Most Popular

 
Muzaffarnagar Student Slapping Case

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शुक्रवार को मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) में सहपाठियों द्वारा थप्पड़ मारे गए मुस्लिम छात्र (Muslim Student) को काउंसलिंग प्रदान नहीं करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को फटकार लगाई। कोर्ट ने उसके आदेश का पालन नहीं करने को लेकर असंतोष व्यक्त किया। साथ ही छात्र की काउंसलिंग के लिए टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (TISS) को नियुक्त किया।

न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की पीठ ने राज्य के स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव को किसी भी कड़ी कार्रवाई से बचने के लिए अगली सुनवाई के दौरान व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहने का निर्देश दिया है। इसके अलावा 11 दिसंबर तक रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने पीड़ित मुस्लिम बच्चे और उसके सहपाठियों की काउंसलिंग के तरीके और तरीके का सुझाव देने के लिए टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टीआईएसएस), मुंबई को नियुक्त किया। दोनों पक्षों के वकीलों को सुनने के बाद, पीठ ने कहा, “हमारा मानना है कि उत्तर प्रदेश सरकार और विशेष रूप से शिक्षा विभाग ने समय-समय पर इस अदालत द्वारा पारित विभिन्न आदेशों का पालन नहीं किया है। पीड़ित बच्चे और घटना में शामिल अन्य बच्चों की उचित काउंसलिंग नहीं की गई।”

TISS की देखरेख में होगी बच्चे की काउंसलिंग

पीठ ने कहा, “कम से कम कहें तो, बच्चों को परामर्श प्रदान करने के संबंध में दायर हलफनामे से पता चलता है कि राज्य सरकार का दृष्टिकोण चौंकाने वाला है। इसलिए हम बच्चे और अन्य बच्चों को परामर्श देने के तरीके और तरीके का सुझाव देने के लिए टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज, मुंबई को नियुक्त करते हैं। TISS राज्य में उपलब्ध विशेषज्ञ बाल परामर्शदाताओं के नाम भी सुझाएगा जो TISS की देखरेख में काउंसलिंग का विस्तार कर सकते हैं।” कोर्ट ने यूपी सरकार को TISS को सभी बुनियादी ढांचागत सहायता और समर्थन प्रदान करने का निर्देश दिया और सुनवाई की अगली तारीख 11 दिसंबर से पहले एक रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया। पीठ ने कहा, “हम शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव को अदालत की किसी भी कड़ी कार्रवाई से बचने के लिए व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहने का निर्देश देते हैं। हमें उम्मीद है कि वह व्यक्तिगत रूप से मामले को देखेंगे और देखेंगे कि निर्देशों का अनुपालन किया जाए।”

शिक्षिका के आदेश पर बच्चे को जड़े थप्पड़

गौरतलब है कि हालही में मुजफ्फरनगर के स्कूल में शिक्षिका के आदेश पर एक मुस्लिम बच्चे को दूसरे बच्चों से थप्पड़ जड़ने का वीडियो सामने आया था। जिसके बाद काफी बवाल मचा था। कथित तौर पर स्कूल की शिक्षित ने होमवर्क पूरा नहीं करने पर अन्य बच्चों को मुस्लिम बच्चे को थप्पड़ मारने का निर्देश दिया था। इस मामले में शिक्षिका पर पीड़ित छात्र पर सांप्रदायिक टिप्पणी करने का आरोप लगा है। मुजफ्फरनगर पुलिस ने शिक्षिका के खिलाफ मामला दर्ज किया था। स्कूल को राज्य के शिक्षा विभाग द्वारा एक नोटिस भी दिया गया था।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 6 नवंबर को उत्तर प्रदेश सरकार से मुस्लिम छात्र को एक निजी स्कूल में प्रवेश की सुविधा देने को कहा था। इस दौरान कोर्ट महात्मा गांधी के परपोते तुषार गांधी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें मामले में शीघ्र जांच की मांग की गई थी।