उत्तर प्रदेश का प्रत्येक कर्मचारी | परिवहन निगम के पास साइबर सुरक्षा का “हाइब्रिड मोड” होगा।
- सड़क परिवहन निगम की टिकटिंग प्रणाली को हैकर्स और फ्रॉड से बचाने के लिए योगी सरकार की पहल
- उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के कर्मचारियों की 2 दिनी साइबर सिक्योरिटी ट्रेनिंग
- राज्य सड़क परिवहन निगम द्वारा टिकटिंग प्रणाली के तहत सभी एप्लीकेशन व के संचालन की दी जाएगी जानकारी
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में साधारण जनमानस के लिए भयमुक्त व अपराध मुक्त समाज की स्थापना के प्रयास में लगी योगी सरकार ने अब साइबर सिक्योरिटी सुदृढ़ीकरण की दिशा में व्यापक प्रयासों की शुरुआत कर दी है। उत्तर प्रदेश की सरकारी संस्थाओं में कॉम्प्रिहेंसिव साइबर सिक्योरिटी ऑडिट के जरिए साइबर सिक्योरिटी के स्तर का निर्धारण और उसे उचित दिशा देने के लिए तमाम सरकारी व निजी संस्थाएं कार्यरत हैं।
ऐसे में, उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (यूपीएसआरटीसी) की ओर से भी इस दिशा में एक सकारात्मक पहल की शुरुआत हो रही है। बस टिकटिंग प्रणाली को हैकर्स और साइबर फ्रॉड से बचाने के लिए उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम द्वारा अपने कर्मचारियों के लिए 2 दिन की हाइब्रिड मोड आधारित साइबर सिक्योरिटी ट्रेनिंग प्रोग्राम का आयोजन किया जा रहा है। 21 से 22 सितंबर के बीच उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के मुख्यालय में इस प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा जिसे यूपीडेस्को की कार्यदायी संस्था मेसर्स इनोवेटर इन्फोटेक प्राइवेट लिमिटेड द्वारा पूर्ण किया जाएगा।
यह भी पढ़ें
साइबर सिक्योरिटी की दिशा में अहम कड़ी होगी कार्यशाला
कार्यशाला कई मायनों में महत्वपूर्ण है। उल्लेखनीय है कि इसी वर्ष अप्रैल में एक विदेशी साइबर हैकर द्वारा यूपीएसआरटीसी की साइट को निशाना बनाकर कई लोगों की जानकारियां हैक कर ली गई थीं। ऐसे में, ये सारी दिक्कतें आगे से न हों और कैसे वक्त रहते कर्मचारी व अधिकारी ने इस समस्या का निस्तारण कर सकते हैं, इन सभी बातों को कार्यशाला के माध्यम से दर्शाया जाएगा।
इसमें वह तकनीक भी प्रमुख हैं जिनके जरिए कर्मचारियों को यह सिखाया जाएगा कि साइबर हैक प्रिवेंशन और डाटा रिट्रीव करने के लिए किन प्रक्रियाओं का इस्तेमाल किया जा सकता है। यूं तो इस कार्यशाला का आयोजन उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के सभागार में 21 व 22 सितंबर के मध्य दो दिन के लिए होने जा रहा है, मगर इस कार्यशाला में प्रदेश के सभी जिलों के अधिकारी भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़ सकेंगे। साइबर सिक्योरिटी के इतर इस कार्यशाला में टिकटिंग प्रणाली के अंतर्गत सभी आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर एप्लीकेशन व ऑनलाइन पोर्टल्स के संचालन की भी जानकारी दी जाएगी।