ज्ञानवापी मामला | ज्ञानवापी मामला: इलाहाबाद हाईकोर्ट बुधवार को अगली सुनवाई करेगा

 

GYANVAPI

प्रयागराज: इलाहाबाद उच्च न्यायालय वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर के एएसआई द्वारा सर्वेक्षण के खिलाफ अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी की अपील पर बुधवार को अगली सुनवाई करेगा।  अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी ने मंगलवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर 21 जुलाई के वाराणसी की जिला अदालत के आदेश को चुनौती दी है।

जिला अदालत ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को मस्जिद परिसर का सर्वेक्षण करने का आदेश दिया था।  मस्जिद कमेटी के वकील एसएफए नकवी ने मुख्य न्यायाधीश प्रितिंकर दिवाकर की अदालत में इस मामले में जल्द सुनवाई करने का यह कहते हुए आग्रह किया कि उच्चतम न्यायालय का 24 जुलाई का आदेश बुधवार (26 जुलाई) शाम पांच बजे तक ही प्रभावी है। उच्चतम न्यायालय ने मस्जिद कमेटी को उच्च न्यायालय जाने के लिए कुछ मोहलत दी थी।

नकवी के अनुरोध पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि यदि दोनों पक्षों को कोई आपत्ति ना हो तो वह स्वयं इस मामले की सुनवाई कर सकते हैं। इस पर दोनों पक्षों के वकील सहमत हो गए और अदालत ने इस मामले की सुनवाई शुरू की। याचिकाकर्ता के वकील ने विभिन्न आधार पर 21 जुलाई का आदेश रद्द करने का अदालत से अनुरोध किया। उनकी दलील थी कि जिला अदालत ने जल्दबाजी में एएसआई को सर्वेक्षण करने का आदेश दिया और चार अगस्त तक अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा।

निचली अदालत ने याचिकाकर्ता को इस आदेश को चुनौती देने के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया। इस मामले में वादी ने ज्ञानवापी मस्जिद स्थल पर काशी विश्वनाथ मंदिर बहाल करने की मांग करते हुए वाराणसी की अदालत में याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी थी कि संपूर्ण मस्जिद परिसर के वैज्ञानिक सर्वेक्षण से यह साबित करने में मदद मिलेगी कि मस्जिद स्थल पर मंदिर था।

वादी के वकील ने यह दलील भी दी थी कि इस सर्वेक्षण से अदालत को मंदिर के अस्तित्व के संबंध में संग्रह की गई सामग्री और एजेंसी की रिपोर्ट के आधार पर तार्किक निष्कर्ष पर पहुंचने में भी मदद मिलेगी। वाराणसी की अदालत में दायर एक अन्य याचिका की पोषणीयता को चुनौती देने वाली याचिका पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 28 अगस्त, 2023 तक के लिए अपना निर्णय मंगलवार को सुरक्षित रख लिया। यूपी सुन्नी सेंट्रल बोर्ड और अन्य द्वारा दायर इस याचिका पर न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने यह निर्णय सुरक्षित रखा। (एजेंसी)

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed