भाजपा को सबसे बड़ा इलेक्टोरल ट्रस्ट ने 71% चंदा दिया: 2013 में यूपीए सरकार ने इलेक्टोरल ट्रस्ट में 10 साल में 360% की वृद्धि की थी:
चुनावी बॉन्ड ने इलेक्टोरल ट्रस्ट को भले ही किनारे कर दिया है, पर वे अब भी राजनीतिक दलों को अच्छा फंड दे रहे हैं। 2013 में यूपीए सरकार द्वारा शुरू किए गए इलेक्टोरल ट्रस्टों ने 10 सालों में ₹2,557.74 करोड़ रु. चंदा दिया।
2023 में सबसे बड़े प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट (पीईटी) ने 71% से अधिक दान सत्तारूढ़ भाजपा को दिया। बीआरएस को 24.8%, वाईएसआरसीपी को 4.4% और आप को 0.2% मिले। कांग्रेस को कुछ इस साल कोई दान नहीं दिया। वहीं, 2022 में भाजपा को 72.4% और कांग्रेस को 3.6% दिए थे।
2017-2022 के दौरान चुनावी बॉन्ड से दलों को 9,208.23 करोड़ मिले। इसमें भाजपा का हिस्सा 57% रहा था। इलेक्टोरल ट्रस्ट से दान की राशि 10 साल में 360% बढ़ी है। पीईटी ने कुल राशि का 88% दिया। 1686.89 करोड़ भाजपा को दिए। पीईटी के अलावा, प्रोग्रेसिव, जनता निर्वाचक, परिवर्तन, जनकल्याण अन्य इलेक्टोरल ट्रस्ट हैं।
10 सालों में दान की राशि 360% बढ़ी
पिछले 10 सालों में दान की राशि 360% बढ़ी है। पीईटी ने कुल राशि का 88% दिया। जिसमें 1686.89 करोड़ भाजपा को दिए। पीईटी के अलावा, प्रोग्रेसिव, जनता निर्वाचक, परिवर्तन, जनकल्याण अन्य इलेक्टोरल ट्रस्ट हैं। इलेक्टोरल बॉन्ड में दानदाता और पार्टी दोनों का नाम गुप्त रखा जाता है। वहीं, इलेक्टोरल ट्रस्ट में पता चल जाता है कि किसने फंड दिया है।
अब डेटा के जरिए जानें किस पार्टी के पास कितना फंड…
नेशनल पार्टियों की संपत्ति 1 साल में 1531 करोड़ बढ़ी
इसी साल सितंबर में द एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की एक रिपोर्ट सामने आई थी। इसके मुताबिक, देश की 8 नेशनल पार्टियों की घोषित संपत्ति 1 साल में 1531 करोड़ रुपए बढ़ गई। 2020-21 में इन पार्टियों की संपत्ति 7,297.62 करोड़ रुपए थी। 2021-22 के दौरान इनकी संपत्ति बढ़कर 8,829.16 करोड़ रुपए हो गई।
ये पार्टियां- भाजपा, कांग्रेस, नेशनल कांग्रेस पार्टी (NCP), बहुजन समाज पार्टी (BSP), कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (CPI), CPI (माओवादी), तृणमूल कांग्रेस और नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPEP) हैं।
एक साल में 5 पार्टियों का कर्ज कम हुआ
2020-21 के दौरान राष्ट्रीय पार्टियों पर 103.55 करोड़ रुपए का कर्ज था। इनमें से कांग्रेस के ऊपर 71 करोड़, भाजपा के ऊपर 16 करोड़, CPI (M) के ऊपर 16 करोड़, TMC के ऊपर 3.8 करोड़ और NCP के ऊपर 0.73 करोड़ रुपए का कर्ज था।
2021-22 के दौरान इन पांचों पार्टियों का कर्ज कम हो गया। इस दौरान कांग्रेस के ऊपर 41.9 करोड़, भाजपा के ऊपर 5 करोड़, CPI (M) के ऊपर 12 करोड़, TMC के ऊपर 2.5 करोड़ और NCP के ऊपर 0.72 करोड़ रुपए का कर्ज था।
एक साल में 1572 करोड़ रुपए बढ़ा रिजर्व फंड
एक साल में राष्ट्रीय पार्टियों का रिजर्व फंड 1572 करोड़ रुपए बढ़ गया। 2020-21 में इन पार्टियों का रिजर्व फंड 7194 करोड़ रुपए था, जो 2021-22 में बढ़कर 8766 करोड़ रुपए हो गया।
इलेक्टोरल बॉन्ड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा:चुनाव आयोग से कहा- सभी पार्टियों को मिली फंडिंग का ब्योरा दें
सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम मामले में गुरुवार यानी 2 नवंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया। हालांकि अगली सुनवाई की तारीख नहीं बताई गई। तीसरे दिन की सुनवाई में कोर्ट ने पार्टियों को मिली फंडिंग का डेटा नहीं रखने पर चुनाव आयोग से नाराजगी जताई। अदालत ने आयोग से कहा कि राजनीतिक दलों को 30 सितंबर तक इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए जितना पैसा मिला है, उसकी जानकारी जल्द से जल्द दें।