ज्ञानवापी परिसर के संपूर्ण हिस्से पर अतिरिक्त ASI सर्वे नहीं होगा, कोर्ट ने हिंदू पक्ष की याचिका खारिज की।

रस्तोगी ने दावा किया कि 8.4.2021 के आदेश के अनुसार सर्वेक्षण के लिए ASI को 5 सदस्यीय समिति नियुक्त करनी थी, जिसमें एक व्यक्ति अल्पसंख्यक समुदाय का और एक केंद्रीय विश्वविद्यालय का विशेषज्ञ होता। इन सभी को ASI सर्वेक्षण करना था।

वाराणसी कोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर में अतिरिक्त एएसआई सर्वेक्षण के लिए हिंदू पक्ष की याचिका खारिज कर दी। हिंदू पक्ष के वकील विजय शंकर रस्तोगी ने कहा कि न्यायालय ने संपूर्ण ज्ञानवापी क्षेत्र के संरक्षण के लिए एएसआई द्वारा अतिरिक्त सर्वेक्षण के हमारे आवेदन को खारिज कर दिया है। हम इस निर्णय के खिलाफ 30 दिन के अंदर उच्च न्यायालय जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह निर्णय नियमों और तथ्यों के विरुद्ध है। मैं इससे व्यथित हूँ और इसे ऊपरी अदालत में जाकर चुनौती दूँगा।

रस्तोगी ने दावा किया कि 8.4.2021 के आदेश के अनुसार सर्वेक्षण के लिए ASI को 5 सदस्यीय समिति नियुक्त करनी थी, जिसमें एक व्यक्ति अल्पसंख्यक समुदाय का और एक केंद्रीय विश्वविद्यालय का विशेषज्ञ होता। इन सभी को ASI सर्वेक्षण करना था। पिछला सर्वेक्षण ASI ने ही किया था। उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय ने पुष्टि की थी कि सर्वेक्षण उस आदेश (8.4.2021) के अनुपालन में नहीं था। हम तत्काल आधार पर उच्च न्यायालय जाएँगे।

हिंदू पक्ष के वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने कहा कि सिविल कोर्ट ने खारिज कर दिया है और ऑर्डर भी आ गया है। हम इस ऑर्डर के खिलाफ रिवीजन के लिए डिस्ट्रिक्ट कोर्ट जाएंगे। लगभग सभी इलाकों का ASI सर्वे पूरा हो चुका है लेकिन कुछ जगहों पर सर्वे बाकी है जहां मशीनें नहीं पहुंच पाईं। इसलिए अतिरिक्त सर्वे की मांग की गई थी। हम सिविल कोर्ट जाएंगे और सफल होंगे। सर्वे होगा… हम सुनिश्चित करेंगे कि मंदिर परिसर के हर इंच का सर्वे हो। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि यह कोई झटका नहीं है… हमने सारे सबूत पहले ही पेश कर दिए हैं… डिस्ट्रिक्ट कोर्ट है, हाई कोर्ट है, सारे रास्ते अभी खुले हैं।

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