यूपी समाचार | सचिन-सीमा जैसी ही स्थिति में, एक बांग्लादेशी महिला तीन बच्चों के साथ भारत आई; इनमें से एक बच्चे का पिता महिला का प्रेमी निकला।
लखनऊ. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के श्रावस्ती (Shravasti) में सचिन-सीमा जैसा मामला सामने आया है। सोशल मीडिया से हुई दोस्ती के बाद एक बांग्लादेशी महिला शनिवार को अपने तीन बच्चों के साथ प्रेमी के घर भरथा रोशनगढ़ पहुंच गई। प्रेमी की पत्नी और परिवार के विरोध के बाद यह मामला मल्हीपुर थाने पहुंच गया है।
टिक टॉक पर हुई दोस्ती
महिला का नाम दिलरुबा शर्मी है और उसके प्रेमी का नाम अब्दुल करीम बताया जा रहा है। दिलरुबा बांग्लादेश के राजन चटगांव की रहने वाली है। उसके पति शैफुद्दीन की कोरोना काल में मृत्यु हो गई थी। अब्दुल बोहरान देश में एक बेकरी में बिस्कुट बनाने का काम करता था। इस बीच उसकी दिलरुबा से टिक टॉक पर दोस्ती हुई। अब्दुल ने खुद को अविवाहित बताया और दिलरुबा से दोस्ती बढ़ाई। धीरे-धीरे यह दोस्ती प्यार में बदल गई। दोनों साथ रहने का वादा भी करने लगे। यह कहानी फोन पर चैटिंग के साथ चलती रही।
30 सितंबर को दिलरुबा टूरिस्ट वीजा पर अपनी बेटी संजीदा (15), बेटा मोहम्मद साकिब (12) और मोहम्मद रकीब (7) के साथ लखनऊ पहुंची। वहां से वह बस से बहराइच आई और यहां एक होटल में रुकी। इसके बाद जानकारी करते हुए वह करीम के घर पहुंच गई। जहां उसे पता चला कि अब्दुल शादीशुदा है।
अब्दुल की पत्नी और बेटे ने किया विरोध
दिलरुबा की कहानी सुन अब्दुल की पत्नी शकीला बानो और आठ वर्षीय ने इसका विरोध किया साथ ही इसकी अपने मायके वालों को भी दे दी। इसके बाद यह मामला एसएसबी व मल्हीपुर पुलिस के पास पहुंच गया। जांच पड़ताल के बाद दिलरुबा और उसके बच्चों का वीजा वैध पाया गया। इसके बाद दिलरुबा अपने बच्चों संग बांग्लादेश लौटने के लिए लखनऊ रवाना हो गई। जहां से टिकट कंफर्म होते ही वह वापस बांग्लादेश चली जाएगी।
जीवन बर्बाद नहीं करूंगी: दिलरुबा
दिलरुबा ने कहा, “जब मैं अब्दुल के घर पहुंची तब मुझे पता चला कि वो पहले से शादीशुदा है और उसे एक आठ साल का बच्चा भी है। उसकी पत्नी का नाम शकीला बानो और बेटे का नाम मोहम्मद शादाब है।” उसने कहा, “मुझे नहीं पता था कि अब्दुल करीम शादीशुदा और झूठा है। मैं अपना प्यार तलाशने आई थी लेकिन अब मैं अपने बच्चों को लेकर ऐसे इंसान के साथ रह कर जीवन बर्बाद नहीं करूंगी। इसीलिए मैं वापस अपने घर जा रही हूं।”