यूपी न्यूज | ‘पोषण’ का फायदा सब लोगों तक पहुंचाएगी ये , योगी सरकार।
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश में ‘पोषक’ के रूप में ‘फोर्टिफाइड चावल’ की आपूर्ति और वितरण को प्रभावी ढंग से सुचारू करने की दिशा में एक और सकारात्मक कदम उठाते हुए योगी सरकार ने इसे 6 माह से 6 वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को दिया है। . लाभ का रास्ता सुनिश्चित हो गया है. प्रदेश में पोषण के जरिए कुपोषण पर काबू पाने की मुहिम को आगे बढ़ाते हुए सीएम योगी ने अब आंगनवाड़ी केंद्रों में ‘फोर्टिफाइड चावल’ के इस्तेमाल का रास्ता साफ कर दिया है और वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में फोर्टिफाइड चावल की आपूर्ति पर होने वाले अनुमानित खर्च का खाका तैयार कर लिया है. वर्ष 2023-24. अग्रिम निकासी की मंजूरी दे दी गई है. वित्त विभाग, खाद्य एवं रसद विभाग तथा बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के समायोजन से इस लक्ष्य को प्राप्त करने का प्रयास शुरू कर दिया गया है। गौरतलब है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत 46.10 लाख मीट्रिक टन फोर्टिफाइड चावल के वार्षिक आवंटन के माध्यम से 15.05 करोड़ लाभार्थियों को लाभान्वित करने के प्रयास पहले से ही चल रहे हैं। ऐसे में जहां माना जा रहा है कि इस साल जुलाई तक राज्य के हर जिले में एनएफएसए लाभार्थियों को फोर्टिफाइड चावल उपलब्ध कराने की प्रक्रिया पूरी की जा सकती है, वहीं दूसरी ओर आंगनवाड़ी के माध्यम से 6 महीने से 6 साल के बच्चों और गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को लाभ पहुंचाने के प्रयास भी तेज किये जा रहे हैं।
13.54 करोड़ रुपये का अग्रिम भुगतान स्वीकृत किया गया है
सीएम योगी की मंशा के अनुरूप वित्तीय वर्ष 2023-24 की प्रथम तिमाही में फोर्टिफाइड चावल की आपूर्ति पर होने वाले अनुमानित व्यय की अग्रिम निकासी के लिए 13.54 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि वितरण के संबंध में स्वीकृत की गई है. राज्य में पोषण के रूप में फोर्टिफाइड चावल। कर दी गई। फोर्टिफाइड चावल का वितरण सुनिश्चित करने के लिए वित्त विभाग, खाद्य एवं रसद विभाग तथा बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के मध्य आपसी समायोजन के निर्देश दिये गये हैं। योजना से संबंधित भारत सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए वित्तीय वर्ष 2023-24 में स्वीकृत समस्त अग्रिम राशि का समायोजन 31 मार्च 2024 तक प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी प्रक्रिया की निगरानी करेंगे
पूरी प्रक्रिया की निगरानी जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा की जाएगी। प्रक्रिया के अनुसार, आंगनबाड़ियों से हर माह खाद्यान्न की आवश्यकता की जानकारी प्राप्त कर खाद्यान्न की मांग से संबंधित जानकारी स्वयं के हस्ताक्षर से खाद्य एवं रसद विभाग को देंगे और तदनुसार आपूर्ति की जाएगी। खाद्य एवं रसद विभाग द्वारा राशन की दुकान तक खाद्यान्न पहुंचाते समय उचित दर पर विक्रेता तक खाद्यान्न पहुंचाने के लिए जिला कार्यक्रम अधिकारी को सूचना दी जाएगी। खाद्य एवं रसद विभाग की जिम्मेदारी होगी कि धनराशि के समायोजन की सूचना प्रत्येक माह बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग को उपलब्ध करायी जायेगी।
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फोर्टिफाइड चावल कई गुणों की खान है
मिलिंग और प्रसंस्करण प्रक्रिया आम तौर पर चावल की वसा और सूक्ष्म पोषक तत्वों से भरपूर चोकर की परत को हटा देती है, जबकि फोर्टिफाइड चावल इन सभी गुणों को बरकरार रखता है। इसमें विटामिन बी-1, विटामिन बी-6, विटामिन ई, नियासिन, आयरन, जिंक, फोलिक एसिड, विटामिन बी-12 और विटामिन ए जैसे तत्वों को सम्मिश्रण प्रक्रिया के माध्यम से संरक्षित और सूक्ष्म पोषक तत्वों से समृद्ध किया जाता है। यही कारण है कि फोर्टिफाइड चावल देश में एनीमिया समेत कई स्वास्थ्य समस्याओं के समाधान के लिए एक प्रभावी कदम साबित हो सकता है। इसलिए एनएफएसए की राइस फोर्टिफिकेशन योजना के माध्यम से देश में इसके वितरण की प्रक्रिया को बढ़ावा दिया जा रहा है।
प्रदेश में तीन चरणों में वितरण चल रहा है
- राज्य सरकार राज्य के 15.05 करोड़ एनएफएसएल लाभार्थियों को फोर्टिफाइड चावल का लाभ प्रदान करने के लिए कमर कस रही है।
- उत्तर प्रदेश सरकार ने मार्च 2024 तक राज्य में ब्लेंडर से सुसज्जित 1718 चावल मिलों के माध्यम से 79,365 राशन दुकानों के माध्यम से 3.61 करोड़ राशन कार्ड धारक परिवारों को फोर्टिफाइड चावल उपलब्ध कराने के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में कदम उठाया है।
- केन्द्र सरकार के मार्गदर्शन में प्रदेश में फोर्टिफाईड चावल वितरण के माध्यम से लोगों को लाभ पहुंचाने का कार्य तीन चरणों में चल रहा है।
- पहले चरण में मार्च 2022 तक आईसीडीएस और पीएम पोषण योजना को पूरे देश में प्रभावी ढंग से लागू किया गया।
- वहीं, दूसरे चरण में उच्च भार वाले जिलों और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन की दिशा तय की जा रही है.
- तीसरे चरण में मार्च 2024 तक सभी जिलों में फोर्टिफाइड चावल का लाभ लोगों तक सुचारु रूप से पहुंचाने को प्राथमिकता दी जा रही है।
- राज्य के 73 जिलों में आवंटन प्रक्रिया शुरू हो गयी है. वर्तमान में राज्य में फोर्टिफाइड चावल की मासिक आवश्यकता 4.95 लाख मीट्रिक टन है, जबकि राज्य के पास कुल 24.56 लाख मीट्रिक टन फोर्टिफाइड चावल उपलब्ध है