घोसी उपचुनाव | घोसी का विकास विपक्ष के एजेंडे में नहीं: सीएम योगी

 

CM YOGI

  • सीएम योगी ने घोसी विधानसभा उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवार दारा सिंह चौहान के समर्थन में की जनसभा, विपक्ष पर साधा निशाना
  • सीएम योगी ने कहाः जिनके जीन में चाचा-भतीजावाद है वह किस नीयत से सवाल पूछते हैं, इनके बहकावे में आपको नहीं आना है
  • सीएम ने मऊ दंगों का जिक्र करके भी सपा का किया घेराव, कहा- जब मऊ जल रहा था तब हमने ही दंगाबाजों के खिलाफ खोला था मोर्चा

घोसी: घोसी का महत्व वही समझ पाएगा जिसने 2005 में मऊ दंगों को देखा है। तब सपा की सरकार थी और वह कुछ न कर पाई थी। तब भी इन दंगाबाजों के खिलाफ हमने ही मोर्चा खोला। हम कोई जाति समाज नहीं देखते थे। जो यहां दंगों की आग लगाते थे वो अब व्हीलचेयर पर जान की भीख मांगते दिखते हैं। ये बातें सीएम योगी आदित्यनाथ ने 5 सितंबर को घोसी विधानसभा उपचुनाव के तहत शनिवार को आयोजित विशाल जनसभा रैली को संबोधित करते हुए कहीं। उन्होंने एनडीए उम्मीदवार दारा सिंह चौहान के समर्थन के साथ ही विपक्ष पर करारा प्रहार करते हुए कहा कि घोसी का विकास नहीं, खुद का विकास विपक्ष का एजेंडा रहा है। उन्होंने कहा कि लोग पीडीए की बात करते हैं, हमने तो सबका साथ सबका विकास किया है। हम बिना भेदभाव की शासन प्रक्रिया को पीएम के मार्गदर्शन में स्थापित कर रहे हैं।

संकट की घड़ी में होती है असली पहचान, हम हर कसौटी पर खरा उतरे

घोसी की धरती को ऋषियों की पावन धरा बताते हुए सीएम योगी ने कहा, संकट की घड़ी में ही असली पहचान होती है। कोरोना संकट में कांग्रेस का चरित्र किसी से छुपा नहीं है, सपा सुप्रीमो भी अपने घर में दुबक गए थे। तब याद कीजिए यही मोदी और योगी आपकी सेवा के लिए तत्पर थे। हम हर जगह जाते थे और 2 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन की खुराकें हमने मुफ्त में दीं। एक तरफ देश ने आपदा से लड़ाई की, वहीं हमने गरीबों के कल्याण के लिए भी काम किया। अब कोई गरीबों का हक नहीं मार सकता, बड़ी-बड़ी परियोजनाओं का लाभ सबको पूरी निष्पक्षता से मिल रहा है।

भाजपा ने ही किया घोसी का विकास

सीएम योगी ने सपा पर निशाना साधते हुए कहा कि सपा ने तो चीनी मिलों को लेकर कोई प्रयास नहीं किया, लेकिन हम यहां चीनी मिलों के एक्सपैंशन के लिए भी काम कर रहे हैं। इसी घोसी में सामुदायिक स्वाथ्य केंद्र हो, आईटीआई हो या पॉलेटेक्निक हो, यह सभी कार्यक्रम यहां के बीजेपी के प्रतिनिधियों के कार्यकाल में ही बने। हम घोसी को बुलेट ट्रेन से जोड़ने आए हैं। सपा से पूछिए, जन्माष्टमी के आयोजन पर सपा ने रोक लगा दी थी। हमने इसे वापस भव्यता से मनाने का मार्ग सुनिश्चित किया। ये राम भक्तों पर गोली चलवाने वाले लोग हैं और हमने राम मंदिर का निर्माण करके दिखा दिया। आज घोसी में 4 लेन सड़कें हैं और गोरखपुर हो या वाराणसी हमने ऐसी सड़कें बनाई हैं कि लखनऊ से उनकी दूरी अब बेहद कम हो गई है।

कांग्रेस, सपा के लोग तो यहां झांकते तक नहीं

सीएम योगी ने कहा कि कांग्रेस-सपा के लोग तो इस क्षेत्र में झांकते तक नहीं है। सपा ने तो भीमराव अंबेडकर व कांशीराम विश्वविद्यालय का नाम अपने लिहाज से बदल दिया था। महापुरुषों का इससे बड़ा अपमान क्या हो सकता है। सामाजिक अन्याय का शंखनाद समाजवादी पार्टी ने किया था। इनके जीन्स में ही नफरत है। ऐसे में विकास की बातें इनके मुंह से हास्यास्पद लगती है। इनके काल में केवल चाचा-भतीजा और एक परिवार का ही विकास हुआ। प्रदेश के विकास को बाधित किया, युवाओं के सामने रोजगार संकट खड़ा किया। आज केंद्र और राज्य में डबल इंजन की सरकार काम कर रही है। विकास की इस रफ्तार को हर गांव, हर कोने में पहुंचाने का प्रयास कर रही है। आपने नगर निकाय में देखा होगा, सभी दिशाओं में भाजपा का ही परचम लहराया था। सभी 17 निकायों में एनडीए ने जीत दर्ज की थी। इसी को घोसी में भी लागू करना होगा।

 सुबह का भूला शाम को लौट आए तो उसे भूला नहीं कहते: सीएम योगी

दारा सिंह चौहान के बारे में सीएम योगी ने कहा कि जो सुबह का भूला शाम को घर आ जाए तो उसे भटका हुआ नहीं कहा जाता। दारा सिंह भी घर वापस आ गए हैं और राजनीति के दिग्गज हैं। सीएम ने कहा कि घोसी के कल्याण के लिए आपको किसी के आगे हाथ फैलाने की जरूरत नहीं है। हम आपकी सेवा के लिए प्रतिबद्ध हैं। कोई भी आपके और घोसी के विकास के बीच नहीं आ सकता है। ये कार्य केवल हम ही कर सकते हैं। यहां ऐसा विकास हुआ है कि कब आप मऊ में बैठे और कब लखनऊ पहुंच गए पता ही नहीं लगेगा। अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण हो, श्री काशी विश्वनााथ में पहले कितनी पतली गली थी, अब देखिये कितना भव्य गलियारा है। आप सबसे हम सहयोग मांगने आए हैं।

जनसभा में सीएम योगी के साथ मंच पर भाजपा उम्मीदवार दारा सिंह चौहान के अलावा सूर्य प्रताप शाही, ओम प्रकाश राजभर, संजय निशाद, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, डॉ. शंकर निषाद, आशीष पटेल, अनिल राजभर, सहजानंद राय आदि भी उपस्थित थे।

 

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